इन्दौर : संस्कृति संरक्षण के प्रयासों के आजी-आजोबा (दादा – दादी, नाना – नानी) हेतु सानंद न्यास द्वारा आयोजित गोष्ट सांगा प्रतियोगिता का फायनल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस वर्ष की प्रतियोगिता की अंतिम फेरी (फायनल राउंड) में 15 प्रतिभागियों ने अपनी अपनी रोचक संदेशप्रद और आनंददायी कहानियाँ सुनाई। बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को प्रतिभागियों की रोचक कहानियां सुनकर अपना बचपन याद आ गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ एवं पुरस्कार वितरण मुख्य अतिथि समाजसेवी सरदार नरेन्द्र फणसे ने किया। अतिथी स्वागत श्रीनिवास कुटुंबळे, जयंत भिसे और पूर्वी केळकर ने किया। कार्यक्रम का सुत्र संचालन स्पर्धा संयोजक सौ, रेणुका पिंगळे ने किया आभार जयंत भिसे ने माना।
स्पर्धा की अंतिम फेरी के निर्णायक थे महेश धुमालदार, सौ. मोहिनी केमकर, सौ. विद्या किबे।
स्पर्धा में अंतिम फेरी के प्रथम, द्वितीय व तृतीय प्रतिभागियों को वामन हरि पेठे ज्वेलर्स द्वारा सोने की नथ व पेडेन्ट अनुरूप विवाह मंडळ, शाखा इंदौर एवं राधिका बुटिक की छाया येवतीकर प्रायोजित साडी से पुरस्कृत करने के साथ साथ प्रसिद्ध रंगकर्मी अच्युत पोतदार द्वारा प्रायोजित पुरस्कार एवं सम्मान पत्र देने की घोषणा की गई।
इस अवसर पर सानंद गोष्ट सांगा प्रतियोगिता मे सहायक सभी प्राथमिक, उपांत्य फेरी के निर्णायक, समन्वयक एवं मागदर्शकों का सम्मान भी किया गया।
ये रहे विजेता :-
सानंद गोष्ट सांगा प्रतियोगिता की अंतिम फेरी में सौ. सुनेत्रा अंबर्डेकर प्रथम, आनंद दाणेकर द्वितीय और सौ. प्राजक्ता मुद्रिस तृतीय स्थान पर रहे।