भोपाल। करीब डेढ़ माह पहले बनाए संविदा नियुक्ति नियमों में जल्द ही बदलाव होगा। इसके जरिए सरकार सीधी भर्ती और पदोन्न्ति के पदों पर भी संविदा नियुक्ति कर सकेगी। यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है, ताकि विभागों को बार-बार संविदा नियुक्ति के लिए पदों को संविदा घोषित न करवाना पड़े। प्रस्तावित प्रावधान के मुताबिक यदि एक साल तक भर्ती या पदोन्न्ति नहीं होती है तो विभागों को बिना संविदा का पद घोषित किए नियुक्ति करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके साथ ही न्यायिक सेवा के पदों पर भी संविदा नियुक्ति का प्रावधान किया जाएगा।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 में नियुक्ति के लिए संविदा का पद होने या फिर पद को संविदा घोषित कराने का प्रावधान रखा गया है। कई विभागों में बड़ी संख्या में पद खाली हैं, यदि एक एक पद को संविदा करना पड़ा तो इसमें काफी कागजी कार्यवाही करनी पड़ेगी। इसे देखते हुए यह तय किया गया है कि सीधी भर्ती और पदोन्न्ति के पद एक साल के भीतर नहीं भरते हैं तो फिर उन्हें संविदा के माध्यम से भरा जा सकेगा। इसी तरह न्यायिक सेवा के क्षेत्र, जिसमें विधिक अनुभव जरूरी होता है, में भी संविदा नियुक्ति की जा सकेगी।
बताया जा रहा है कि लोकायुक्त संगठन सहित अन्य जगहों पर संविदा आधार पर विधिक सलाहकार की नियुक्ति होती है। मौजूदा नियमों में इस तरह के पदों के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं थी। ब ताया जा रहा है कि जब नियमों का मसौदा तैयार हुआ था तब सीधी भर्ती और पदोन्न्ति के पदों के विरुद्ध संविदा नियुक्ति का प्रावधान रखा गया था, लेकिन कैबिनेट में प्रस्ताव भेजने से ठीक पहले उसे हटा दिया था।