‘राष्ट्रीय बजट 24 के प्रभाव’ विषय पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग और अभ्यास मंडल की परिचर्चा में वक्ताओं ने रखे विचार।
इन्दौर : पहले बजट में केवल यह देखा जाता था कि कौन सी वस्तु सस्ती होगी और किन वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी पर अब सब- कुछ बदल गया है। बजट का डिजिटाइजेशन होता जा रहा है। पूंजीगत ढांचे में परिवर्तन कर ,इस ढांचे को बढ़ाकर ,युवाओं को रोजगार देने वाला बजट बनाया जा रहा है ,जिसमें कृषि, यातायात, उद्योगों को महत्व दिया जा रहा है। देशी – विदेशी निवेश को आमंत्रित करने के साथ देश को 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने की कवायद की जा रही है। किसी जमाने में भारत सोने की चिड़िया कहलाता था, अब पुनः उस गौरव को प्राप्त करने की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है।
ये विचार विभिन्न वक्ताओं ने देवी अहिल्या विवि अर्थशास्त्र विभाग एवं अभ्यास मंडल द्वारा बजट 24 पर आयोजित परिचर्चा में व्यक्त किए।
देवी अहिल्या वि वि अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रो कन्हैया आहूजा ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में बजट में सरकार ने तेजी से पूंजीगत ढांचे में परिवर्तन कर ,देश की सड़कों को जोड़ने ,कॉरिडोर बनाने, वंदे भारत ट्रेन की संख्या बढ़ाने, हवाई अड्डों सहित जल मार्गों को तेजी से विकसित करने की योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे देश, तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है। सरकार चाहती है युवा रोजगार मांगने के स्थान पर देने वाले बने ,नई नीतियों के कारण डिजिटाइजेशन से 12 हजार करोड रु का लेनदेन होने लगा है! जो देश के लिए सकारात्मक संदेश है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद बहुत से उद्योग बंद हो गए थे किंतु सरकार ने, महिलाओं , किसानों, विभिन्न उद्योगों एवं युवाओं के लिए विशेष ध्यान दिया , जिससे भविष्य में भारत विकसित राष्ट्र की कतार में तेजी से आगे बढ़ रहा है, साथ ही देश में करीब 79 करोड लोगों को खाद्यान्न सामग्री बांटना पड़ रही है एवं गरीबी रेखा के नीचे के लोगों की संख्या कम होती जा रही है। वर्तमान में केवल 18-19 प्रतिशत नागरिक गरीबी रेखा के नीचे बचे हैं। सरकार की भावना गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए धनराशि की व्यवस्था करना है, इसके लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आमंत्रित कर उन्हें कई सुविधाएं दी जा रही है ,बहुत सारे कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं, पोर्ट, नदी और सड़कों का जाल बिछाकर ,जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। बजट में गरीबों को मकान बनाने के लिए 2 लाख करोड़ रू आवंटित किए गए हैं।
एसोसिएशन आफ इंडस्टरीज मप्र के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने कहा कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए ,बहुत सारे वेयर हाउस की जरूरत है, जिससे सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर कृषि क्षेत्र में कार्य कर सके। हरित ऊर्जा के क्षेत्र में 2070 तक हम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ना पूरी तरह से समाप्त कर देंगे। सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में हम बहुत आगे बढ़ गए हैं। ई वाहन क्षेत्र में क्रांति कर दी है। पहले स्वास्थ्य के क्षेत्र में चीन पर निर्भरता थी जो तेजी से खत्म होती जा रही है। हालांकि इसके बाद भी मध्यम वर्गीय परिवारों की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। श्री डफरिया ने कहा कि व्यवसाय करने के लिए धन की कमी नहीं है, सबसे ज्यादा रोजगार लघु उद्योग से प्राप्त होता है।अभी हम दुनिया में अर्थव्यवस्था में पांचवें स्थान पर हैं जो आने वाले वर्षों में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे। पेट्रोलियम उत्पाद पर निर्भरता तेजी से कम होती जा रही है। हम सोलर ऊर्जा का तेजी से विकास कर रहे हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारत को पुनः सोने की चिड़िया बनाने का सपना देखते हुए हम उसे पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आने वाला वक्त भारत का है। युवा वास्तव की जिंदगी देखें और सोचें, युवाओं को मानसिकता तय करने की जरूरत है। जीवन में आगे बढ़ने और सफल होने के लिए जुनून और अनुभव को साथ लेकर चलने की भी जरूरत है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । अतिथियों का स्वागत डॉ. रेखा आचार्य ,विशाखा कुटुंम्बले, रामेश्वर गुप्ता, वसीम खान, स्वप्निल व्यास, शफी शेख ने किया। डॉ. माला सिंह ठाकुर ने अभ्यास मंडल की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में शिवाजी मोहिते , डॉ. मुजाल्दा, आलोक खरे, एन के उपाध्याय, किशन सोमानी,दीप्ति गौर आदि भी उपस्थित थे। संचालन एकता रोकड़े ने किया। अंत में सुरभि दुबे ने आभार व्यक्त किया।