10 वर्ष पूर्व हादसे में बुझी आंख में रोशनी जगमगाई।
इंदौर : संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देशन और अधिष्ठाता डॉ. संजय दीक्षित के नेतृत्व में महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर से सम्बध्द नेत्र चिकित्सालय, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई मरीजों के हित में लगातार अपग्रेड होकर सेवा में अग्रसर हो रहा है। इसी प्रक्रिया में अस्पताल को मध्यप्रदेश सरकार की हितग्राही नीति के तहत उन्नत तकनीक से लैस किया गया है। इसी तकनीक के जरिए अस्पताल ने अपना पहला कॉर्निया ट्रांसप्लांट कर मरीज की आंख को रोशनी दी है।
21 वर्षीय अंकित का कॉर्निया का सफल प्रत्यारोपण।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई के अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा के नेतृत्व में कॉर्निया सर्जन डॉ. ऋषि गुप्ता द्वारा कॉर्निया का प्रथम सफल प्रत्यारोपण किया गया। 10 वर्ष पूर्व 21 वर्षीय अंकित चोट के कारण अपनी बायी आंख की रोशनी गवा चुका था। अंकित का आयुष्यमान योजना के तहत नि:शुल्क कॉर्निया प्रत्यारोपण किया गया। अब प्रत्यारोपण के उपरांत अंकित अपनी बाई आंख से देख सकता है। प्रत्यारोपण के लिए कॉर्निया, एम के इंटरनेशनल आई बैंक से प्राप्त हुआ था। कॉर्निया प्राप्तकर्ता के इलाज में डॉ. मीता जोशी, डॉ. टीना अग्रवाल, डॉ. आभा वर्मा, डॉ. अरोरा एवं ओटी स्टाफ की भी अहम भूमिका रही । प्रत्यारोपण उपरांत प्राप्तकर्ता द्वारा नेत्रदान करने वाले परिवार को धन्यवाद दिया गया।
क्या होता है कॉर्निया प्रत्यारोपण और क्यों है अहम।
शंकर नेत्रालय से प्रशिक्षित स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर आई के कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ. ऋषि गुप्ता ने बताया कि कॉर्निया प्रत्यारोपण एक ऐसा ऑपरेशन है जिसमें क्षतिग्रस्त कॉर्निया के कुछ या सभी हिस्सों को हटाकर उसे किसी उपयुक्त डोनर की आंख के स्वस्थ कॉर्निया टिश्यू से बदल दिया जाता है। कॉर्निया प्रत्यारोपण को अक्सर केराटोप्लास्टी या कॉर्नियल ग्राफ्ट के रूप में जाना जाता है।
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई में उपलब्ध सुविधाएं।
डॉ. ऋषि के अनुसार पुतली (कॉर्निया ) रोगियों के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई एक उत्कृष्ट स्थान बनता जा रहा है।यहां कॉर्निया से संबंधित सभी जांचें एवं सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। कॉर्निया रोगियों के लिए विभिन्न जाँचे जैसे की कॉर्नियल टोपोग्राफी, पैकी मेट्री, ए एस ओ सी टी, स्पैकुलर माइक्रोस्कॉपी, सूखे पन ( ड्राई आई ) की जाँच सुविधा उपलब्ध है कॉर्निया से संबंधित विभिन्न प्रोसीजर्स जैसे कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन, एमनीओटिक मेंब्रेन ट्रांसप्लांटेशन, म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग, कॉलेजन क्रॉस लिंकिंग (केराटॉकोनस का इलाज) एवं आईपीएल थेरेपी (आंखो में सूखे पन का इलाज ) भी किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पुतली के छालों एवं पुतली की सफेदी का सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है।
अब तक हुए कई ऑपरेशन, 13 हजार से अधिक मरीजों के नेत्र परीक्षण।
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देशन में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई चिकित्सालय में ओपीडी की सेवा अप्रैल 2022 से प्रारंभ की गई थी। ओपीडी के प्रारंभ से लेकर अब तक लगभग 13350 नेत्र रोगी स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर ऑय चिकित्सालय में परीक्षण का लाभ उठा चुके हैं, प्रतिदिन औसतन 150 से अधिक नेत्र रोगी यहां परीक्षण का लाभ ले रहे हैं। चिकित्सालय प्रारंभ होने के उपरांत आज दिनांक तक लगभग साढे चार सौ मरीजों की सामान्य से लेकर जटिल शल्यक्रियाएं की जा चुकी हैं।
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आय के अधीक्षक डॉ. डी. के. शर्मा ने बताया कि इस चिकित्सालय को देश का उत्कृष्ट नेत्र चिकित्सालय बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल में हुआ पहला कॉर्निया ट्रांसप्लांट रेटीना डैमेज से आंखों की रोशनी खोने वाले मरीजों के उपचार की दिशा में एक अहम कदम है।