भोपाल : किसानों को लेकर मध्य प्रदेश सरकार सख्त नजर आ रही है। मुख्यमंत्री ने समाधान ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आला अधिकारियों से लेकर जिलों के कलेक्टर तक को यह साफ कर दिया कि अगर किसानों को फसल उपार्जन के बाद भी भुगतान नहीं किया जाता है, तो इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति की संपत्ति नीलाम कर किसान का भुगतान कराया जाए। इसके साथ ही दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
सीएम ने वीसी के दौरान कहा कि सभी जिले के कलेक्टर इस संबंध में जांच करा लें कि उनके जिले में कोई ऐसा प्रकरण लंबित तो नहीं है। यदि है तो उस पर तुरंत एक्शन लिया जाए। इस दौरान उन्होंने ग्वालियर जिले के एक प्रकरण में किसान को उपार्जित गेहूं का भुगतान नहीं किए जाने और राशि का संबंधित सोसाइटी द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने पर कलेक्टर द्वारा लिए गए एक्शन की तारीफ भी की।
अधिकारियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री ने नीमच जिले के रामेश्वर लाल के प्रकरण में निर्देश दिए कि पशु मृत्यु पर समय सीमा में बीमा क्लेम हितग्राही को दिलाना सुनिश्चित किया जाए। प्रकरण में रामेश्वर की भैंस की मौत होने पर 3 साल में भी भुगतान नहीं हुआ था। इस मामले में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। भिंड जिले के आवेदक केशव सिंह की शिकायत पर तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत को निलंबित करने के निर्देश सीएम की ओर से दिए गए। प्रकरण में हितग्राही को शौचालय निर्माण के पैसे नहीं मिले थे। सागर जिले के करोड़ी लाल यादव की भैंस की मौत के बाद लंबे समय तक उसे सहायता ना मिलने पर संबंधित तहसीलदार की विभागीय जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
अच्छे की तारीफ, खराब को फटकार
सी.एम. हेल्पलाइन की शिकायतों में लगातार छह बार खराब प्रदर्शन करने वाले भिंड जिले को काम सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह शिवपुरी, मुरैना, शाजापुर और दतिया को भी सुधार के निर्देश दिए गए हैं। सीएम हेल्पलाइन में प्रकरणों के निराकरण में बेहतर प्रदर्शन के लिए सिवनी सहित छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, सिंगरोली और शहडोल जिले की तारीफ की गई है। पुलिस एवं यातायात से संबंधित शिकायतों के निराकरण में सतना, सिंगरौली, सीधी, बैतूल तथा छिंदवाड़ा जिलों को बधाई दी गई।