भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिपरिषद की बैठक के पूर्व कोविड-19 की प्रदेश में स्थिति की जानकारी ली।
जिलों में उपलब्ध है उपचार सुविधा।
सीएम शिवराज ने कहा कि भोपाल, इंदौर और अन्य बड़े शहरों में उपचार के लिए आने वाले रोगी, अपना उपचार जिला स्तर पर ही करवा सकते हैं। प्रत्येक जिले में इलाज की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिस्तर क्षमता भी बढ़ाएं।प्रत्येक जिले में कंट्रोल कमांड केन्द्र सक्रिय हो, यहां डॉक्टर भी परामर्श देने के लिए उपलब्ध हों।
ऑक्सीजन की न हो कमीं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमीं न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। आवश्यक हो तो प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग में लाई जा रही ऑक्सीजन का भी उपचार में प्राथमिकता से इस्तेमाल किया जाए।
मास्क पहनना करें अनिवार्य।
सीएम शिवराज ने कहा कि मॉस्क पहनने को अनिवार्य किया जाए। इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए अभियान निरन्तर चलाया जाए। सीएम ने कहा कि नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रचार करें। जागरूकता बढ़ाई जाए। बसों में यात्री अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं , यह परिवहन विभाग सुनिश्चित करे।
अस्पतालों में बढाएं बेड की संख्या।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अनलॉक के बाद अब बाजार खुल रहे हैं, साथ ही चुनौती भी बढ़ रही है। इसलिए निरंतर सावधानी बरती जाएं। 4 बड़े नगरों भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर में अन्य जिलों से काफी रोगी आते हैं। यहां व्यवस्थाएं पुख्ता हों। अस्पतालों में बिस्तर भी बढ़ाएं।
प्रदेश में रिकवरी रेट बढा, डेथ रेट घटा।
बैठक में बताया गया कि इस समय प्रदेश में रिकवरी रेट 76 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश में मृत्यु दर भी कम हुई है। मृत्यु दर 2.4 से 1.4 प्रतिशत हुई है। इस समय मध्यप्रदेश में करीब 17 हजार एक्टिव केस हैं। लगभग 40% रोगी घरों में क्वारेंटाइन होकर उपचार ले रहे हैं। निजी अस्पतालों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।
आने वाले समय के लिए की जा रही पुख्ता तैयारी।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में बेड उपलब्धता की समस्या नहीं है लेकिन भविष्य के लिए आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। इस समय भोपाल, इंदौर जैसे नगरों में आईसीयू बेड लगभग 55% भरे हुए हैं। वर्तमान में करीब 21% रोगी जिनमें कोविड के लक्षण हैं , ऐसे रोगी होम क्वॉरेंटाइन है।
अब फीवर क्लीनिक में लिए जाएंगे सैम्पल।
एसीएस सुलेमान ने बताया कि अब फीवर क्लीनिक में सेंपल दिया जा सकेगा। इसके साथ ही कोविड 19 के उपचार के लिए अधिकृत अस्पताल, भर्ती रोगी को व्यय हुई राशि का बिल भी देंगे। यह रोगी पर निर्भर होगा कि उसका शत-प्रतिशत या कुछ हिस्स भुगतान करना चाहे तो कर सकता है। प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को आईसीयू बेड की उपलब्धता प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।