23 दिसम्बर से प्रारंभ होगा अखिल भारतीय गीता जयंती महोत्सव, भक्तों को स्वच्छता सहित दिलाए जाएंगे 5 संकल्प

  
Last Updated:  December 19, 2020 " 11:29 pm"

इंदौर : मनोरमागंज स्थित गीता भवन में गीता जयंती महोत्सव का 63वां आयोजन इस बार 23 से 27 दिसंबर तक मनाया जाएगा। जगदगुरू शंकराचार्य, पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता एवं देश के जाने-माने 30 से अधिक संतों की मौजूदगी में बुधवार 23 दिसंबर को दोपहर 1.30 बजे वैदिक मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि के बीच महोत्सव का शुभारंभ होगा। गीता जयंती का मुख्य उत्सव मोक्षदा एकादशी पर शुक्रवार 25 दिसंबर को मनाया जाएगा। गीता जयंती के साथ ही पांच दिवसीय विष्णु महायज्ञ भी 23 से 27 दिसंबर तक आचार्य पं. कल्याणदतत शास्त्री के निर्देशन में आयोजित होगा। प्रवचन का समय प्रतिदिन दोपहर 1.30 से सांय 5.30 बजे तक रहेगा। इस दौरान संत-विद्वानों द्वारा प्रतिदिन भक्तों को स्वयं मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंस एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करने, बिना मास्क वाले लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने और शहर को पांचवी बार स्वच्छता में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलाने के लिए अपने घर-गली एवं कालोनी को साफ सुथरा बनाए रखने जैसे पांच संकल्प भी दिलाएं जाएंगें।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन एवं सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी ने पत्रकारों को गीता जयंती महोत्सव की तैयारियों का अवलोकन कराते हुए बताया कि गीता भवन परिसर में कुर्सियों पर बैठक व्यवस्था सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए की गई है। प्रवेश द्वार पर इंफ्रारेडगन एवं सेनेटाइजर की व्यवस्था में सहयोग के लिए भक्तों से आग्रह किया गया है। गत 62 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है जब यह महोत्सव 7 के बजाय 5 दिनों तक सीमित करना पड़ रहा है। इस बार भक्तों के लिए रियायती मूल्य पर साग-पूडी, फलाहार, नमकीन, मिठाई की व्यवस्था भी नहीं की जा सकेगी। परंपरागत भण्डारे भी इस बार नहीं हो सकेंगे। कोरोना त्रासदी के निरंतर बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए प्रवचन स्थल पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंस का पालन अनिवार्यतः करना होगा। बाहर से आने वाले संत-विद्वान भी भक्तों को प्रतिदिन सत्संग के समापन अवसर पर कोरोना से जूझने के लिए संकल्प दिलायेंगे। शहर को लगातार पांचवीं बार स्वच्छता के मामले में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलाने के लिए भी संकल्प दिलाया जाएगा। शहर में किसी धार्मिक आयोजन के माध्यम से कोरोना के खिलाफ जनमत जागरण का यह पहला मौका होगा। पिछले वर्ष भी गीता भवन ने सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से गीता जयंती महोत्सव में जन-जन तक पहुंचाया था।
इस बार गीता जयंती महोत्सव में वृंदावन के महामंडलेश्वर एवं सनातन आर्या विद्या प्रतिष्ठान इंदौर के अधिष्ठाता स्वामी श्री प्रणवानंद सरस्वती, नाथद्वारा उदयपुर (राज.) के वल्लभाचार्य महाप्रभु संप्रदाय के युवा वैष्णवाचार्य, विट्ठलनाथ मंदिर नाथद्वारा के प्रमुख युवराज गोस्वामी वागधीश बाबाश्री, वेदांत आश्रम इंदौर के आचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती, चिन्मय मिशन इंदौर के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, गोधरा (गुजरात) की साध्वी परमानंदा सरस्वती, हरिद्वार के स्वामी सर्वेश चैतन्य, पानीपत के स्वामी दिव्यानंद, उज्जैन के स्वामी वितरागानंद, हरिद्वार के स्वामी प्रकाश मुनि एवं गोपाल मुनिजी, डाकोर के नरहरि सेवा आश्रम के स्वामी देवकीनंदनदास, सप्त सरोवर हरिद्वार के स्वामी गोपालानंद सरस्वती, श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, अखंड धाम बिजासन रोड के महामंडलेश्वर डाॅ. स्वामी चैतन्य स्वरूप, छावनी रामद्वारा के संत रामस्वरूप रामस्नेही, गोराकुंड रामद्वारा के संत अमृतराम रामस्नेही सहित 30 से अधिक प्रमुख संत-विद्वान पधारेंगे। जगदगुरू शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानदं सरस्वती ने भी महोत्सव में पधारने और दो दिनों तक अपना कृपापूर्ण सान्निध्य प्रदान करने की अनुकंपा की है।
गीता भवन न्यासी मंडल के सोमनाथ कोहली, महेशचंद्र शास्त्री एवं प्रेमचंद गोयल ने बताया कि महोत्सव की सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी है। अनेक संत-विद्वानों का आगमन भी हो चुका है। बदले हुए हालातों में भी भक्तों, संतों, धर्माचार्यो और गीता भवन न्यासी मंडल का मिला-जुला उत्साह महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में कारगर साबित हो रहा है। न्यासी मंडल ने सभी भक्तों से व्यवस्थाओं में सहयोग देने का आत्मीय आग्रह किया है।

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