भोपाल : इंदौर के बाद भोपाल में भी अगले दस दिन सख्त लॉकउाउन रहेगा। 31 मई तक कोई छूट नहीं मिलेगी। सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या 10% से अधिक नहीं होगी। जिन जिलों में संक्रमण दर 5% से कम हो गई है, वहां भी अभी ढील नहीं देंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल संभाग की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि भोपाल में अभी केस और संक्रमण दर भले ही कम हो गई हो, लेकिन यहां अभी ढील देने से बाकी जिलों में भी मांग उठने लगेगी। ये ढील संक्रमण की चेन तोड़ने के प्रयासों को विफल कर सकती है। इसलिए 31 मई तक और सख्ती बरतें। सभी कलेक्टर अब पूरी सख्ती बरतें, ताकि कोरोना कर्फ्यू खोलने के पहले संक्रमण पूरी तरह नियंत्रण में हो।
25 मई से अनलॉक का प्लान रखा था।
भोपाल क्राइसिस मैनेजमेँट ग्रुप ने सीएम के समक्ष 25 मई से अनलॉक का प्रस्ताव रखा था। इसमें कहा था कि दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या 10% से बढ़ाकर 25% कर दें। कुछ दुकानों को छूट दें। लेकिन, शिवराज ने इस पर सहमति नहीं दी।
ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की रणनीति बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्रामक टेस्टिंग की रणनीति, कांटेक्ट ट्रेसिंग और माइक्रो कंटेंनमेंट जोन बना कर प्रदेश में शेष रहे कोरोना प्रकरणों को जल्द समाप्त करने की तैयारी करें । क्राइसिस मेनेंजमेंट ग्रुप के सभी सदस्य जुट जाएं। बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा तथा राजगढ़ कलेक्टर भी रहे। भोपाल कलेक्टर ने बताया कि टेस्टिंग के लिए 28 मोबाइल जांच दल सक्रिय हैं।
इंदौर में थोक बाजार खोलेंगे, रेस्त्रां से होम डिलीवरी।
इधर, इंदौर कलेक्टर ने एक जून से धीरे-धीरे अनलॉक करने का प्लान घोषित कर दिया। इसके मुताबिक पहले किराना, फल सब्जी की दुकानें खोली जाएंगी। इसके बाद रियल एस्टेट सेक्टर खुलेगा। इसमें हजारों लोग लगे हुए हैं। रेस्त्रां से होम डिलीवरी शुरू कराएंगे। थोक बाजार खोलेंगे। इसी तरह फिर परिस्थितियां देखते हुए मंजूरी देते जाएंगे।