पिंजारा बाखल से निकाला गया चादर शरीफ का जुलूस।
सूफी संत देश में एकता की मिसाल: मंज़ूर बेग ।
इंदौर : मुस्लिम समाज द्वारा हज़रत ग़ैबशाह वली के 75वें उर्स की परम्परागत चादर शरीफ का जुलूस पिंजारा बाखल से एकता व भाईचारे के पैग़ाम के साथ निकाला गया। आशिकाने ग़ैबशाह वली कमेटी के संयोजक नूर हुसैन ने बताया चादर शरीफ पिंजारा बाखल से निकली। पिछले 58 साल से यहां से चादर निकालने की परंपरा रही है। अजमेर के खादिम सैयद तसद्दुक हुसैन चिश्ती की जानिब से यह चादर भेजी गई। प्रमुख अतिथि के रूप में पूर्व पार्षद अयाज़ बेग, सर्वधर्म संघ के अध्यक्ष मंज़ूर बेग, कर्बला कमेटी के अध्यक्ष फ़ारूक़ राइन, याकूब खान, प्रितेश जैन, सूफी नौशाद बाबा, हिलाल अहमद चिश्ती, नूर हुसैन, ज़ाकिर मौलाना,दरगाह कमेटी के संचालक मुश्ताक़ भाई, उर्स संचालक साबिर वोरा, हाजी रियाज़ नियाज़ी, फ़िरोज़ बाबा, अज्जू बाबा, साजिद मदनी, शाद खान, एफएफसी जिम के संचालक फ़ैयाज़ अंसारी, मोहसिन देहलवी, आज़म कुरैशी, मोहम्मद कौसर अब्बासी आदि मौजूद थे।
मुख्य अतिथि मंज़ूर बेग ने कहा कि सूफी संत देश में एकता की मिसाल हैं। हमें उनके बताए मार्ग पर चलकर सभी धर्मों में आपसी सौहार्द कायम करना चाहिए। अतिथियों का स्वागत साफा बांधकर हिलाल अहमद चिश्ती, नूर हुसैन चिश्ती ने किया। चादर निकलने से पहले पिंजारा बाखल में सूफियाना महफिल सजी। जिसमें फ़नकारों ने “गैबशाह वली सरकार तेरे दीवाने आये हैं,एक मस्त नज़र डाली, मस्ताना बना डाला, ख़्वाजा ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला” सुनाकर खूब सूफियाना रंग जमाया। जुलूस का जगह जगह स्वागत किया गया। शर्बत,आइसक्रीम और तबर्रुक बांटा गया।
चादर शरीफ का जुलूस पिंजारा बाखल से बंबई बाजार, दरगाह चौराहा, टाटपट्टी बाखल, बालदा कॉलोनी, महूनाका होते हुए दशहरा मैदान के सामने स्थित हजरत गैबशाह वली की दरगाह पर पहुंचा। जहां पूरी अक़ीदत के साथ परम्परागत ढंग से गुलाब के फूल व इत्र के साथ लोबान की धूनी के बीच चादर पेश की गयी। हज़रत ग़ैबशाह वली के उर्स का समापन 5 मार्च को रंग-ए-महफिल और लंगर के साथ होगा। ख़ास बात ये है कि इस उर्स में सभी समुदाय के लोग श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं और अपनी मान-मुराद लेकर दुआ मांगते हैं।