इंदौर : प्रापर्टी हड़पने के उद्देश्य से प्रापर्टी मालिकों पर कई राज्यों में षडयंत्रपूर्वक झूठे आपराधिक मामले दर्ज करवा रही महाराष्ट्र के सूचीबद्ध बदमाशों की गैंग पर शिकंजा कसते हुए क्राइम ब्रांच ने गैंग सरगना के एक साथी को धर दबोचा है। बलात्कार, हत्या का प्रयास, मादक पदार्थों की तस्करी, जैसे मामलों में शिकायकर्ता बन गैंग का सरगना अपने गुर्गो के माध्यम से गोवा, असम व महाराष्ट्र सहित मप्र में जमीन मालिकों पर झूठे प्रकरण दर्ज करवा रहा था।
जांच और विवचेना के दौरान इन मामलों में झूठे व कूटरचित साक्ष्यों का खुलासा होने पर बदमाशों के खिलाफ काऊंटर मामले दर्ज किए गए।
उपरोक्त प्रकार के मामलों में फरार सरगना का साथी, सलीम उर्फ गफ्फार खान क्राइम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में आ गया है।
शेर के नाखूनों की तस्करी के मामले में भी पकड़ा जा चुका है आरोपी।
पकड़ा गया बदमाश सलीम उर्फ गफ्फार खान निवासी इंदौर अंतराज्यीय अपराधी तथा निगरानी शुदा बदमाश है। उक्त आरोपी असम, गोवा एवं धामनोद जिला धार के प्रकरणों में फरार चल रहा था।
क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि आरोपी सलीम उर्फ गफ्फार खान इंदौर आया हुआ है। मुखबिर की इस सूचना पर ग्रीन पार्क कालोनी चंदन नगर क्षेत्र से उसे गिरफ्तार किया गया। थाना धामनोद जिला धार के प्रकरण में भी फरार पाये जाने से उसे अग्रिम कार्रवाई हेतु थाना धामनोद के सुपुर्द किया गया है। आरोपी के संबंध में गोवा पुलिस व असम पुलिस को भी सुचना दी गई है।उनके द्वारा प्रोडक्शन वारंट जारी कर आरोपी की औपचारिक गिरफ्तारी ली जाएगी।
ये है पूरा मामला।
घटना का विवरण इस प्रकार है कि किशोर काकूमल केसवानी तथा दीपक केसवानी मूलरूप से जिला ठाणे महाराष्ट्र राज्य के रहने वाले हैं। उनके द्वारा अनावेदक अनिल भगवानदास जयसिंघानी, गफ्फार खाँ, अनिल राजवानी तथा हीरो केवलरमानी व अन्य के विरूध्द यह शिकायत की गई है कि अनावेदकगणों द्वारा आवेदकगणों के विरूध्द मध्यप्रदेश राज्य में झूठा प्रकरण (जैसे झूठा रेप केस, झूठा हत्या और हत्या के प्रयास का केस) दर्ज कराने का प्रयास किया गया है, अतः षड्यंत्र में शामिल लोगों के विरूध्द अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने हेतु आवेदक ने आवेदन पत्र प्रस्तुत किया।
उपरोक्त मामले की जांच क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा की गई जिसमें यह बात प्रकाश में आई कि आवेदक की उल्हास नगर स्थित संपत्ति को जबरन दबाव डालकर हथियाने का प्रयास करने वाले लोग असफल रहे तो वहीं के रहने वाले अनावेदक अनिल भगवानदास जयसिंघानी को प्रॉपर्टी हथियाने के क्रम में शामिल कर लिया जो स्थानीय थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है तथा उसके विरूद्ध कई प्रकरण पंजीबद्ध हैं।
वर्ष 2015 में बदमाश अनिल जयसिंघानी, आवेदक की प्रॉपर्टी को प्राप्त करने की नीयत से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप कर रहा था। उसने आवेदकगणों से जान से मारने की धमकी देकर विवाद किया था। तब आवेदक द्वारा महाबलेश्वर जिला सतारा थाने में रिपोर्ट कराई गई थी।
बाद में आवेदक द्वारा ’’किसी साजिश व झूठा केस में उसके अथवा उसके परिजनों को षड़यंत्रपूर्वक फंसाये जाने की आषंका को लेकर बदमाश जयंसिघानी के विरूद्ध शिकायत संबंधित थाने, DCP व अन्य सरकारी कार्यालयों में दी गई थीं।
इसके बावजूद आवेदक गणों को झूँठे मामले में फंसाने का प्रयास किया। अनिल जयंसिघानी द्वारा गफ्फार खान व अन्य की मदद से थाना अंजुना बीच गोवा पुलिस थाने में आवेदक किशोर काकुमल के विरूध्द एक महिला मित्र के माध्यम से अपराध धारा 328, 376 का दर्ज करा दिया।
किशोर काकुमल ने जमानत पर बाहर आने के बाद उक्त प्रकरण में विवेचना के दौरान ही अपनी बेगुनाही के सबूत गोवा पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किए। रेप का मामला झूठा पाया गया। इसके बाद गोवा पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट खारिजी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। झूठे केस में फंसाए जाने की साजिश के चलते अनावेदकगणों पर अपराध पंजीबध्द कर लिया गया था। जिसमें अब तक हीरो केवल रमानी, महिला तुलिका कटारे तथा महेश तन्ना की गिरफ्तारी की गई थी, लेकिन गफ्फार खान, जयसिघानी व उसने अन्य साथी अभी भी फरार चल रहे थे जिनके विरूद्ध गैर जमानती वांरट जारी था।
आरोपी अनिल जयसिंघानी ने गुजरात हाई कोर्ट के समक्ष ईडी द्वारा जारी गैर जमानती वांरट निरस्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया था इसमें थाना सोला पुलिस स्टेशन अहमदाबाद गुजरात में अपराध धारा-465, 467, 468, 471, 193 का दर्ज किया गया था जिसमें आवेदक का भतीजा दीपक केसवानी प्रकरण का फरियादी है। अतः किशोर काकुमल केसवानी को पता चला कि अनिल जयसिंघानी अपने संपर्क वाले लोगों से असम राज्य में सांठगाठ कर आवेदक के परिजनों पर झूठा अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की फिराक में है। तो आवेदक द्वारा ऐसे अपराध पंजीबध्द होने की आंशका के संबंध में असम राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक को आवेदन पत्र व ई-मेल दिए गए लेकिन थाना सीलापाथार पुलिस जिला देमाजी असम के पुलिस अधिकारी राजा सरकार आवेदक के आफिस मुंबई गिरफ्तारी हेतु आए, तब आवेदक व उसके पार्टनर नंद जेठानी व अमर जेठानी के विरूध्द मादक पदार्थ (कोकीन) का प्रकरण असम में पंजीबध्द होना पता चला।मामले की जांच पड़ताल के बाद साक्ष्य के आधार पर केसवानी व जेठानी परिवार के नाम उन्मोचित किये गये तथा साजिश कर्ताओं के विरूध्द थाना सीलापाथार पुलिस में अपराध धारा-120 बी 211,384 का अपराध पंजीबध्द किया गया जो विवेचना में है।
यह कि थाना अंजुना गोवा पुलिस के द्वारा, जब पंजीबध्द अपराध धारा 384, 420, 465, 467,468, 471, 474, 109, 114,115, 182, 193, 195, 199, 200, 205, 201, 120 बी, 34 भादवि में रही आरोपिया अनामिका उर्फ तुलिका कटारे की गिरफ्तारी की गई थी तब पुलिस रिमांड के दौरान तुलिका कटारे के द्वारा आवेदक के विरूध्द रची गई साजिश का घटना क्रम बताया गया कि किस तरह गोवा व असम राज्य में झूठा केस बनवाया गया। इसके अलावा मध्यप्रदेश में भी तुलिका कटारे के माध्यम से आवेदक व उसके भतीजे दीपक केसवानी के विरूध्द हत्या के प्रयास का केस पुलिस के माध्यम से बनवाने का प्रयास किया गया परन्तु सफल नहीं हो सकी। उपरोक्त मामलों में आरोपी अनिल जयसिंघानी का साथी गफ्फार खान रहा जिसकी तलाश कई राज्यों की पुलिस को थी
इसी क्रम मे थाना धामनोद जिला धार मे भी अनिल जयसिंघानी ,सलीम उर्फ गफ्फार खान व अन्य लोगो के द्वारा साजिश रचकर किशोर काकुमल केसवानी के विरुद्ध धारा 34(2) आबकारी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कराया गया था परंतु विवेचना के दौरान उक्त अपराध साजिश पूर्वक पंजीबद्ध कराया जाना पाया गया। इसके बाद उक्त प्रकरण में धारा 120_बी भादवि का इजाफा किया जाकर अनिल जयसिंघानी, गफ्फार खान व अन्य लोगों को धामनोद पुलिस द्वारा आरोपी बनाया गया। उक्त प्रकरण में ही धामनोद पुलिस द्वारा गफ्फार खान की गिरफ्तारी की गई है।
पूर्व में भी आरोपी सलीम उर्फ गफ्फार खान को थाना क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा वर्ष 2017 में वन्य जीव सरक्षंण अधिनियम 1972 के तहत गिरफ्तार किया जाकर दो नग शेर के नाखून जब्त किये गये थे।