इंदौर : शहर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, पुलिस उप महानिरीक्षक शहर इन्दौर मनीष कपूरिया ने सोमवार को डीआरपी लाइन में शहर के विभिन्न रहवासी संघों के पदाधिकारियों की एक बैठक ली। बैठक में पुलिस अधीक्षक पूर्व आशुतोष बागरी, पुलिस अधीक्षक पश्चिम महेशचंद्र जैन, अति. पुलिस अधीक्षकगण, नगर पुलिस अधीक्षकगण व शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों के थाना प्रभारी सहित इन्दौर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित कालोनियों, टाउनशिप व रहवासी संघों के पदाधिकारी शामिल हुए।
सावधानियां बरते जाने पर की गई चर्चा।
बैठक में शहर के रहवासी क्षेत्रों में चोरी/लूट आदि अपराधिक घटनाओं व असामाजिक तत्वों की अवांछनीय गतिविधियों की रोकथाम हेतु आवश्यक सुरक्षा मापदंड, जरूरी प्रावधान, ध्यान में रखी जाने वाली सावधानियों और की जाने वाली कार्रवाई पर चर्चा की गयी।
डीआईजी इन्दौर मनीष कपूरिया ने बैठक में उपस्थित रहवासी संघों के पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि सुरक्षित समाज व परिवेश का निर्माण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। शहरवासियों को अपनी सुरक्षा का उत्तरदायित्व खुद भी समझना होगा और इसमें अपना सहयोग भी देने के लिए तत्पर रहना होगा। पुलिस अपनी जिम्मेदारी हरसम्भव ढंग से निभा रही है, लेकिन सभी के सहयोग के बिना सुरक्षित माहौल बनाना संभव नहीं है। शहर को अपराध मुक्त व सुरक्षित रखने हेतु उन्होंने रहवासी संघों को कई टिप्स भी दिए।
सीसीटीवी लगवाएं।
अपराधों की रोकथाम व अपराधियों तक पहुंचने में सीसीटीवी कैमरे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, अतः सभी रहवासी संघों को प्राथमिकता के आधार पर अपनी कॉलोनियों में अच्छी क्वालिटी के कैमरे लगवाने चाहियें तथा उनकी रिकार्डिंग रखने की भी व्यवस्था करें। इन सीसीटीवी कैमरों के फुटेज पुलिस को उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी करें।
सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती करें।
कालोनियों/ टाउनशिप में सुरक्षा हेतु पर्याप्त मात्रा में गार्ड्स की तैनाती की जाएं। उन्हें निरंतर गश्त करने व संदिग्ध लोगों व गतिविधियों पर नजर रखने के की ताकीद की जाए। गार्ड्स की जानकारी संबंधित पुलिस थाने पर भी दी जाए और उनका पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाए।
सुरक्षा समितियां गठित करें।
कॉलोनी की सुरक्षा हेतु समिति गठित की जाए, जो समय-समय पर सुरक्षा मापदंडों का आकलन करें साथ ही सदस्यगण स्वयं भी रात्रि में कॉलोनी में गश्त करने के लिये प्रेरित हो इसका भी प्रयास करें। इसमें क्षेत्र की पुलिस को जानकारी देकर उसका भी सहयोग लिया जा सकता है।
अलार्म सिस्टम लगवाएं।
कॉलोनियों में बर्गलर अलार्म सिस्टम भी लगवाएं, जिससें किसी भी अप्रिय स्थिति में पुलिस का सहयोग लिया जा सके।
थाना और बीट प्रभारियों के नम्बर सभी सदस्यों को दें।
सभी रहवासी संघ अपने अपने थाना क्षेत्रों के थाना प्रभारियों/बीट प्रभारियों के फोन नंबर लेकर सभी रहवासियों को दें। उन्हें सूचित करें की किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी होने पर वे तत्काल उक्त नंबरों या डायल-100 पर काॅल कर पुलिस को सूचना दें, जिससे समय पर पुलिस सहायता मिल सके।
थाना प्रभारी क्षेत्र में जीवंत संपर्क रखें।
डीआईजी ने संबंधित क्षेत्रों के थाना प्रभारियों को भी निर्देशित किया कि, वे अपने क्षेत्र की कॉलोनियों में निरंतर जीवंत संपर्क रखें। समय-समय पर रहवासियों की समस्याओं का समाधान करें और उन्हें जरूरी नंबर व जानकारियां प्रदान करें।
सुरक्षा ऑडिट फॉर्म।
पुलिस द्वारा एक सुरक्षा आॅडिट फार्म भी बनवाया जा रहा है, जिसके आधार पर समय-समय पर संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारीगण, कालोनियों के रहवासी संघों से समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
पुलिस सतत गश्त व पेट्रोलिंग करती रहे।
संबंधित थाना प्रभारियों व पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि क्षेत्र में निंरतर गश्त व पेट्रोलिंग करतें रहें। संबंधित बीट प्रभारियों को भी अपने क्षेत्र के रहवासियों से जीवंत संपर्क रखने हेतु निर्देशित करें।
इस दौरान उपस्थित रहवासी संघों के पदाधिकारियों द्वारा कॉलोनियों की सुरक्षा को लेकर अपनी समस्याएं बतायी गयी वहीं कई सुझाव भी दिए गए। इस पर डीआईजी मनीष कपूरिया ने समस्याओं के निराकरण हेतु आवश्यक वैधानिक कार्रवाई के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। उन्होंने रहवासियों द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करने का आश्वासन भी दिया।
कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम प्रशांत चौबे ने किया। उन्होंने उपस्थित रहवासी संघ के पदाधिकारियों को सुरक्षा के आधुनिक उपकरणों एवं संसाधनों के संबंध में आवश्यक जानकारी भी दी।