इंदौर : एमवाय अस्पताल में एक महिला के साथ कथित रूप से वार्ड बॉय द्वारा छेड़छाड़ की घटना के उजागर होने के बाद अब एक गरीब प्रसूता महिला की शनिवार को डिलीवरी के दौरान बरती गई लापरवाही से नवजात के हाथ में फ्रेक्चर हो गया। हैरत की बात ये है कि बच्चें के हाथ में सूजन आने के बाद भी 2 दिन तक किसी भी डॉक्टर व नर्स ने ध्यान नही दिया। जब बच्चे के पिता ने हाथ मे सूजन देख कर डॉक्टरों से कारण पूछा तो वे टालमटोल करने लगे। आखिर में एक्सरे कराया गया। उसमें नवजात बच्चें के हाथ में फ्रेक्चर पाया गया जो एक्सरे में साफ दिख रहा है। पूछने पर बताया गया कि डिलीवरी के दौरान नवजात बच्चें के हाथ में फ्रेक्चर हुआ है। फिलहाल मासूम के हाथ मे पट्टा चढ़ा कर इतिश्री कर ली गयी है। बच्चे के पिता के अनुसार बच्चे की माँ के इलाज में भी लापरवाही बरती जा रही है। टांकों की ड्रेसिंग करने भी कोई नही आ रहा, उनमें से लगातार पानी आ रहा है। पिता द्वारा नर्सों को कहने पर जवाब मिलता है कि आप ही अपनी पत्नी की ड्रेसिंग कर लीजिए।
लापरवाही की शिकायत पर मिली धमकी।
जब इस घोर लापरवाही की शिकायत बच्चे के पिता ने वरिष्ठ अधिकारियों से की तो संबंधित महिला डॉक्टर द्वारा उसे धमकाया गया।
अहम बात ये है कि गरीब मरीजों के लिए एम वाय अस्पताल ही एकमात्र सहारा है। इंदौर संभाग के सभी जिलों से लोग इलाज के लिए यहां आते हैं। उन्हें अक्सर डॉक्टरों की बेरुखी का शिकार होना पड़ता है। ऐसे में जरूरत किसी सख्त मिजाज प्रशासक को यहां बिठाने की है, जो मरीजों के इलाज में कोई ढिलाई न आने दे और अस्पताल के बिगड़े ढर्रे को सुधार सके।