सार्वजनिक रूप से छठ पूजा की अनुमति देने के लिए आयोजकों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

  
Last Updated:  October 25, 2021 " 11:36 pm"

इंदौर : शहर के छठ महापर्व आयोजन समितियों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह, महासचिव के के झा, सचिव अजय झा एवं अन्य पदाधिकारियों के नेतृत्व में इंदौर कलेक्टर कार्यालय पहुँचा। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पवन जैन के कार्यालय में कलेक्टर मनीष सिंह के  नाम ज्ञापन  सौंपकर आगामी 10 एवं 11 नवंबर को होने  वाले छठ महापर्व के सार्वजनिक आयोजन हेतु आधिकारिक स्वीकृति देने  का आग्रह किया।
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह तथा महासचिव के के झा ने बताया कि पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण शहर में बसर करने  वाले पूर्वोत्तर समाज के हजारों परिवारों ने संस्थान के आग्रह एवं लोगों के स्वास्थ्य को दृष्टिगोचर रखते हुए अपने अपने घरों में कृत्रिम जल  कुंड बना कर ही छठ  पूजा का आयोजन किया था। इस वर्ष शहर में कोरोना   की स्थिति को बेहतर  देखते हुए पूर्वोत्तर समाज की धार्मिक भावनाओं एवं उनकी आस्था  को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि शहर में रह रहे हजारों पूर्वोत्तर समाज  के धर्मावलम्बियों को शहर के सभी 85 वार्डों में सार्वजनिक एवं कृत्रिम जलाशयों में छठ महापर्व आयोजित करने की यथाशीघ्र अनुमति प्रदान की जाए, जिससे कि समाज जन आयोजन से 10 दिन पूर्व छठ घाटों की खरना से  पहले छठ पूजा की  तैयारी पूर्ण कर सकें।
छठ पूजा  के  आयोजन हेतु स्वीकृति देने के साथ साथ संस्थान ने जिला प्रशासन एवं नगर निगम से शहर के विभिन्न सार्वजानिक छठ घाटों की साफ़    सफाई, विद्युत् सज्जा एवं जल  कुंड में जल भरवाने का आग्रह किया है।
प्रतिनिधिमंडल में शहर के विभिन्न छठ पूजा आयोजन समितियों के पदाधिकारीगण, विशेष रूप से टी एन झा, बटेश्वर सिंह, विनोद पांडे आदि उपस्थित थे।

चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 8 नवंबर से

इस वर्ष चार दिवसीय छठ महापर्व का आयोजन 8 नवंबर को नहाय- खाय से होगा। नहाय खाय के दिन पूरे घर की साफ- सफाई की जाती है और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है। 9 नवंबर को खरना का आयोजन होगा। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाती हैं और फिर सूर्य देव की पूजा करने के बाद महाप्रसाद ग्रहण किया जाता है। 10 नवंबर को छठ व्रती अस्ताचलगामी  सूर्य को अर्घ्य देंगे। छठ  महापर्व का समापन 11 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा।

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