इंदौर : इंदौर जिले में कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रॉन के संक्रमण की आशंका को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। तमाम ऐहतियाती कदम अभी से उठाए जा रहे हैं। कलेक्टर मनीषसिंह ने अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों की बैठक लेकर उन्हें कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिए।
10 फीसदी बेड कोरोना के मरीजों के लिए होंगे आरक्षित।
कलेक्टर ने बताया कि सभी ऐसे प्रायवेट अस्पताल जिनकी क्षमता 50 बेड से अधिक है, उनमें न्यूनतम 10 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर संक्रमित मरीजों के लिए बेड्स की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिले के अस्पतालों में लगभग 10 हजार बेड्स की व्यवस्था रहेगी। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था रहेगी। इनके लिए अस्पतालों में विशेष बेड रखे जाएंगे। बैठक में जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे, गौरव रणदीवे, डॉ. हेमन्त जैन, अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी अस्पताल संचालकों और डॉक्टर्स को आगाह किया कि वे अभी से तैयार रहें। साथ ही अपने स्टाफ को भी ओमिक्रॉन संक्रमण से निपटने के लिये तैयार रखें। पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर्स को प्रशिक्षित करें। दवाइयों का भी पर्याप्त इंतजाम रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि डॉक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित दर पर ही इलाज हो। पैथॉलॉजी जाँच भी निर्धारित दर पर की जाए, जिससे मरीजों पर अनावश्यक वित्तीय भार नहीं पड़े। उन्होंने बताया कि जिले में सभी कोविड केयर सेंटरों को पुन: सक्रिय किया जा रहा है। एक या दो दिन में राधास्वामी कोविड केयर सेंटर में भी सभी व्यवस्थाएं पूर्ववत जुटा ली जाएंगी। सभी को सतर्क एवं सक्रिय रहने की जरूरत है।
जरूरत पड़ने पर सभी को मिले इलाज।
जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने कहा कि कोशिश ऐसी करें कि किसी को भी परेशानी नहीं हो। जरूरत पड़ने पर सभी को इलाज मिले। बेड्स की संख्या पर्याप्त रखी जाये। उन्होंने कहा कि एक साउथ अफ्रीकन डाटा के अनुसार पता चला है कि ओमिक्रॉन संक्रमण का फैलाव तेज गति से होता है। ऐसे लोगों को भी भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है जिन्होंने टीके नहीं लगवाए हैं। टीका लगवाने वाले व्यक्तियों और ऐसे व्यक्ति जिन्हें पूर्व में कोरोना हुआ है वे भी संक्रमित हो रहे हैं। कोई भी अस्पताल कोरोना मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं करें।
ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था रखें।
जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य गौरव रणदिवे ने कहा कि आने वाली चुनौती का सामना सभी को मिलकर पहले की तरह करना होगा। सभी अस्पताल ऑक्सीजन की व्यवस्था पर्याप्त रखें। बच्चों और महिलाओं के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल निर्धारित दरों से ही मरीजों का इलाज करें। बैठक में डॉ. हेमन्त जैन ने भी सम्बोधित किया।