इंदौर : अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के कर्तव्य के साथ इंदौर पुलिस अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन भी बखूबी कर रहीं है। इसी कड़ी में महिला थाना की टीम की काउंसलिंग के जरिए एक परिवार को टूटने से बचाया गया।
ये था मामला।
महिला थाना इंदौर पर पीड़िता द्वारा पति, सास-ससुर के विरुद्ध घरेलू हिंसा संबंधी शिकायत दर्ज कराई गई थी। पारिवारिक मामला होने से शिकायत, जांच एवं काउंसलिंग के लिए उप निरीक्षक दुर्गा सूर्यवंशी को सौंपी गई। उप निरीक्षक द्वारा जब पीड़िता से विस्तृत चर्चा की गई तब उसने यह बताया कि 15 दिन पहले सभी ने लड़ाई- झगड़ा करके पीड़िता को उसकी दोनों बेटियों के साथ ससुराल गुजरात से मायके इंदौर भेज दिया। पीड़िता अपना घर नहीं तोड़ना चाहती थी वह चाहती थी कि दोनों बच्चियों का भविष्य खराब ना हो और एक बार उसके ससुराल पक्ष को बुलवाकर समझाया जाए।
इस पर तत्काल उप निरीक्षक दुर्गा सूर्यवंशी ने अनावेदक ससुराल पक्ष को फोन कर इंदौर महिला थाने में उपस्थित होने हेतु कहा गया। ससुराल पक्ष महिला थाना उपस्थित हुआ तब पीड़िता और पति, सास इत्यादि की काउंसलिंग करवाई गई। ससुराल पक्ष ने भी छोटी- छोटी बातों पर पीड़िता द्वारा विवाद करने की बात कही।
पारिवारिक विवाद में यह बातें बहुत आम होती हैं, दोनों पक्षों की काउंसलिंग करवाई गई। छोटी-छोटी बातों पर आपस में नहीं झगड़नें और दोनों बेटियों और अपने बेहतर भविष्य के लिए मिलजुलकर रहने की हिदायत दी गई।
पति पत्नी दोनों ने अपनी अपनी गलतियों को एक- दूसरे के सामने माना और भविष्य में इस तरह की गलतियां विवाद की पुनरावृत्ति ना करने का एक दूसरे से वादा किया और आपस में सहमति से राजीनामा किया। इस तरह महिला थाना इंदौर द्वारा थोड़े से प्रयास से एक परिवार को बिखरने से टूटने से बचाया गया।