इंदौर : राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट में डॉ. अर्चना शर्मा की खुदकुशी के मामले में गहलोत सरकार ने अब जाकर कार्रवाई की है। दौसा के एसपी अनिल बेनीवाल को हटा दिया गया है। उनकी जगह राजकुमार गुप्ता को एसपी बनाया गया है। सीओ शंकर मीणा को पदावनत कर दिया गया है, वहीं थाना प्रभारी अंकेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। संभागायुक्त को जांच सौपने के साथ एफआईआर से धारा 302 भी हटा दी गई है।
मृतका के पति ने शिकायत ही दर्ज नहीं करवाई..
डॉ. अर्चना शर्मा खुदकुशी मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। ऑपेरशन के दौरान जिस महिला आशा बैरवा की मौत हुई उसके पति का लालूराम का कहना है कि डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ उन्होंने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई। किसी ने एक कागज पर उसके हस्ताक्षर करवा लिए थे। उसमें क्या लिखा था, उसे नहीं पता। उसमें धारा 302 का जिक्र था। पुलिस ने वैसी ही शिकायत दर्ज कर ली। उसे तो एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी गई।
कतिपय लोगों ने मामले को दिया तूल।
बता दें कि लालूराम की पत्नी का ऑपरेशन डॉ. अर्चना शर्मा ने किया था, ऑपरेशन के बाद भी कॉम्प्लिकेशन बढ़ते गए और प्रसूता की मौत हो गई। कुछ लोगों ने इस मामले को तूल दे दिया और मृतका के पति लालूराम से कागज पर हस्ताक्षर करवाकर शिकायत तैयार की और डॉ. अर्चना शर्मा पर हत्या का केस दर्ज करवा दिया। बदनामी और हत्या का केस दर्ज दर्ज होने से विचलित डॉ. अर्चना शर्मा ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें खुद को बेकसूर बताया था।