इन्दौर : सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता स्वतंत्रता आन्दोलन में अनगिनत वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर आजादी के आंदोलन को बढ़ाया। इनमें ऐसी वीर-योद्धा महिलाएं भी शामिल थीं जिनका अदम्य शौर्य, साहस और पराक्रम इतिहास के पन्नों में अंकित है। हालांकि उन्हें वह पहचान नहीं मिली सकी, जिसकी वह हकदार थी।
ऐसी ही वीर योद्धा थी वीरांगना झलकारीबाई, जिन्होंने अपने शौर्य, साहस व पराक्रम से न केवल फिरंगी सेना के छक्के छुड़ाए, बल्कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और झांसी की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान देकर मातृशक्ति का मान बढ़ाया।
गांधी हॉल स्थित अभिनव कला समाज परिसर में अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ एवं अभिनव कला समाज के संयुक्त तत्वावधान में झलकारी बाई की वीरगाथा पर केंद्रित नाटक “झांसी की झलकारी” का मंचन किया गया। नाटक में उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर, ललितपुर और लखनऊ से आए कलाकारों ने अपने उम्दा प्रदर्शन से उपस्थित जनसमुदाय का दिल जीत लिया।
झांसी की झलकारी नाटक में स्वतंत्र संग्राम की अमर नायिका वीरांगना झलकारी बाई का किरदार निभाया सौम्या यादव ने, वहीं कर्णिका कुशवाहा ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किरदार को निभाया। नाटक में झलकारी बाई के पति एवं अंग्रेज अफसर ह्युरोज का किरदार नाटक के निदेशक एवं लेखक परमानंद कोरी ने स्वयं अभिनीत किया।
इसी प्रकार भाऊ बक्शी (प्रभात खैरा), मोतीबाई (अन्नपूर्णा “शिवि” गुप्ता, मुंदर (श्रृष्टि राठौर), खुदाबख्श (आयुष मिश्रा), पीर अली (राज शेखर बिंद), मोरोपंत (रजनीश वर्मा), नाना भोपटकर (रजनीश कश्यप), जवाहर सिंह (पारस दीक्षित), सरपंच व दुल्हाजू (अर्पित मिश्रा), नाहर व अंग्रेज सैनिक (राहुल यादव),
सुमेर व अंग्रेज सैनिक का किरदार पंकज यादव ने निभाया।
झांसी की झलकारी नाट्य मंचन अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश महावर कोली एवं अभिनव कला समाज, इन्दौर के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल के संयोजन में मंचित हुए इस नाटक के दौरान अतिथि के रुप में भारत पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस कॉर्पोरेशन के संचालक घनश्याम शेर मौजूद रहे। मध्यप्रदेश कोली कोरी समाज के अध्यक्ष अर्जुनसिंह शाक्यवार, सूफी संत रमेश बाबा, समाजसेवी मन्नालाल बिंदौरिया, पूर्व पार्षद उमाशंकर तरेटिया, बुन्देलखण्ड कोरी समाज के अध्यक्ष निर्मल मलोरिया, कैलाशचंद चौधरी, सेवा निवृत डीएसपी लक्ष्मी सेतिया, रमा राजोरे, सुनिता शाक्यवार, झलकारी महावर आदि विशेष अतिथि के रुप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मदनलाल धीमान एवं जया शेट्टी ने किया। अंत में आभार राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रहलाद टाटवाल ने माना।