रेलवे, मेट्रो और नगर निगम के अधिकारी बैठक कर वैकल्पिक रूट पर करेंगे चर्चा।
पार्क रोड और लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशनों का भी होगा विकास।
इंदौर: रेलवे स्टेशन की समग्र विकास योजना में करीब 06 दशक पुराना शास्त्री ब्रिज बड़ा अवरोध बन रहा है। मुख्य रेलवे स्टेशन के साथ पार्क रोड और लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन को भी अगले 40 -50 वर्षों को ध्यान में रखते हुए समग्र विकास योजना में शामिल किया गया है। निकट भविष्य में ही मेट्रो स्टेशन भी प्रस्तावित है, ऐसे में शास्त्री ब्रिज के अवरोध को कैसे दूर किया जाए, इस बात पर विचार करने के लिए रेलवे, मेट्रो और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक शुक्रवार 23 सितंबर को प्रस्तावित है। ये बात रेलवे के रतलाम मंडल के प्रबंधक विनीत गुप्ता ने कही। वे सांसद शंकर लालवानी के साथ इंदौर मेन, पार्क रोड और लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद मीडियाकर्मियों से चर्चा कर रहे थे।
सभी विकल्पों पर विचार के बाद होगा शास्त्री ब्रिज को लेकर फैसला।
शास्त्री ब्रिज इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र को पूर्वी क्षेत्र से जोड़नेवाला सबसे महत्वपूर्ण ब्रिज है। सबसे व्यस्ततम यातायात इसी ब्रिज पर रहता है, ऐसे में इसके टूटने की दशा में वैकल्पिक मार्ग क्या हो सकता है, इसका नव निर्माण किसतरह से होगा..? इसके बारे में पूछे जाने पर डीआरएम विनीत गुप्ता का कहना था कि इन सब बातों पर स्थानीय एजेंसियों के साथ गहन विचार के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। हालांकि स्टेशन की विकास योजना में शास्त्री ब्रिज का मामला प्राथमिकता में है।
रेलवे ही करेगा स्टेशन का विकास।
रतलाम रेल मंडल के प्रबंधक श्री गुप्ता ने बताया कि पहले पीपीपी मोड पर इंदौर रेलवे स्टेशन को विकसित किया जाना था पर अब रेलवे ही इस काम को करेगा। इसके लिए पर्याप्त बजट भी उपलब्ध है। अगले 40 से 60 वर्षों को ध्यान में रखकर ही पार्क रोड व लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन को भी समग्र विकास योजना के दायरे में लाया गया है ताकि विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाकर यात्रियों के बढ़ते दबाव के अनुरूप नई ट्रेनों का संचालन हो सके।
मालगोदाम की ओर बनेगा नया प्लेटफॉर्म।
मंडल रेल प्रबंधक विनीत गुप्ता ने बताया कि पार्क रोड स्टेशन पर माल गोदाम वाले हिस्से में पिट लाइन को शिफ्ट कर नया प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। इसीतरह लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन को विकसित कर वहां भी प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि भविष्य में वहां से भी ट्रेनों का संचालन हो सके।
महू स्टेशन का भी किया जा रहा विकास।
प्रबंधक श्री गुप्ता ने बताया कि डॉ. आंबेडकर नगर महू स्टेशन का भी विकास किया जा रहा है। आर्मी के साथ चर्चा कर काम को गति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राऊ से महू के बीच शेष ट्रैक के दोहरीकरण का काम भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उसका टेंडर हो चुका है।
देवास – इंदौर दोहरीकरण साल अंत तक पूरा होगा।
श्री गुप्ता ने बताया कि देवास – इंदौर के बीच ट्रैक के दोहरीकरण का काम अंतिम चरण में है। इस वर्ष 2022 के अंत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
एक माह में मिल जाएगी सर्वे रिपोर्ट।
महू – खंडवा ब्रॉडगेज को लेकर प्रबंधक श्री गुप्ता का कहना था कि महू – सनावद के बीच ( घाट सेक्शन ) सर्वे का काम रेलवे की ही एजेंसी को दिया गया है। अगले एक माह में उसकी सर्वे रिपोर्ट मिल जाएगी। उसके बाद वन विभाग से चर्चा कर जमीन का कब्जा लेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मार्च 2026 तक इस रूट को मुकम्मल करने का लक्ष्य रखा गया है।
टीही से धार तक के हिस्से में हो चुके हैं टेंडर।
इंदौर – दाहोद को लेकर डीआरएम गुप्ता का कहना था कि उसपर भी काम में तेजी आई है। टीही से धार तक के हिस्से में टेंडर हो चुके हैं और काम शुरू हो गया है। सरदारपुर से झाबुआ के बीच घाट सेक्शन होने के साथ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की ज़मीन भी आ रही है। उसके बारे में चर्चा कर रास्ता निकाला जा रहा है। धार – छोटा उदयपुर लंबित परियोजना को लेकर श्री गुप्ता का कहना था कि उक्त परियोजना बड़ौदा रेल मंडल के अधीन है।
वंदे भारत ट्रेन को लेकर पूरी है तैयारी।
नई वंदे भारत ट्रेन को लेकर डीआरएम विनीत गुप्ता का कहना था कि पश्चिम रेलवे के तहत पहली वंदे भारत ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी। इंदौर से जयपुर व जबलपुर के लिए वन्दे भारत ट्रेन चलना प्रस्तावित है। रतलाम रेल मंडल की वंदे भारत ट्रेन के संचालन को लेकर पूरी तैयारी है। उसके मेंटेनेंस की समुचित सुविधाएं हमारे पास मौजूद हैं।