इंदौर: शहर के कई इलाकों में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। नर्मदा से 400 एमएलडी से अधिक पानी मिलने का दावा किया जा रहा है। साढ़े चार सौ टेंकरों से नगर- निगम पानी का वितरण कर रहा है फिर भी शहर प्यासा क्यों है इसका जवाब किसी के पास नहीं है। निगम के हाइड्रेंट से निजी टेंकर भरकर बेचे जा रहे हैं। पार्षदों ने टेंकर तो ले लिए हैं पर उनका उपयोग अपने वालों को पानी बंटवाने में किया जा रहा है। आम जनता तो टेंकर का इंतजार ही करती रह जाती है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद कांग्रेस के पार्षद भी अधिकारियों को तबादले के डर दिखाकर अपना हित साधने में लगे हैं। समूची व्यवस्था जैसे चरमरा गई है।
नहीं है कोई जलसंकट, महापौर ने किया दावा।
शहर के जलसंकट को लेकर जब महापौर मालिनी गौड़ से चर्चा की गई तो उन्होंने ये मानने से ही इनकार कर दिया की शहर में पानी की कोई कमीं है। उनका दावा था कि जनता को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। 6 माह बाद नगर- निगम के चुनाव होने जा रहे हैं इसीलिए कांग्रेस, बीजेपी की निगम परिषद को बदनाम करने की साजिश रच रही है।
चिंटू चौकसे ने ले रखे हैं 21 टेंकर।
महापौर मालिनी गौड़ ने आरोप लगाया कि अधिकारियों पर दबाव बनाकर कांग्रेसी पार्षदों ने मनमाने टेंकर चला रखे हैं। चिंटू चौकसे ने तो 21 टेंकर ले रखे हैं बावजूद इसके प्रदर्शन की नौटंकी कर जनता को गुमराह किया जा रहा है। कांग्रेसियों से पूछा जाना चाहिए कि वे टेंकरों का उपयोग कहां किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि नर्मदा जल का वितरण समुचित ढंग से किया जा रहा है।
मेंदोला जी ने निगम के खिलाफ नहीं किया था प्रदर्शन।
महापौर का कहना था कि विधायक मेंदोला ने पिछले दिनों जो प्रदर्शन किया था वह निगम के खिलाफ नहीं था। विधायक मेंदोला से पूछे जाने पर उन्होंने भी महापौर की बात से सहमति जताई।