रेलमंत्री ने हादसे की सीबीआई जांच का किया ऐलान।
नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर के पास हुए भीषण ट्रेन हादसे के कारण का पता चल गया है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में आई गड़बड़ी को इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस बीच हादसे की सीबीआई जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
ऑटोमैटिकली चेंज होती है इंटरलॉकिंग।
मिली जानकारी के अनुसार बालासोर दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला और वो 130 किलोमीटर की प्रति घंटे की रफ्तार से ही आगे बढ़ गया। लूप लाइन का चक्कर छोटे-बड़े स्टेशन के पास ही पड़ता है। लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। इससे इतनी भीषण टक्कर हुई कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां दूसरी मेन लाइन पर गिर गई जो डाउन लाइन है। उस पर बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस आ रही थी और ये पटरी पर गिरी बोगी को चीरते हुए निकल गई। अब सवाल उठता है कि इंटरलॉकिंग तो अब मैनुअली नहीं होती है। ये सिग्नल के हिसाब से ऑटोमैटिक चेंज होती है। ऐसे में प्रथम दृष्टया सिग्नल डिपार्टमेंट को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने ट्रेन हादसे की जांच पूरी कर ली है। मूल कारण की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है। रेल मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि घायल मरीजों का समुचित इलाज किया जा रहा है। उन्होंने हादसे की सीबीआई जांच की भी घोषणा की।
बता दें कि बीते शुक्रवार को हुए इस भीषण ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी और एक हजार से अधिक घायल हो गए थे।