श्री ब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव।
पंचामृत की सहस्त्रधारा से प्रभु वेंकटेश का हुआ महाभिषेक।
माखन से किया गया श्रृंगार।
स्वर्ण महल में रत्न जड़ित पोशाख में हुए प्रभु वेंकटेश के दर्शन।
18 जून को लाइट एंड साउंड के माध्यम से दिखेगी परकाल स्वामी की पूरी लीला।
इंदौर : शुक्रवार को ब्रम्होत्सव के तीसरे दिन लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में प्रातः काल मे सुमधुर वाद्य के साथ आचार्यो,विद्यर्थियों,संतों द्वारा एक स्वर में स्तोत्र पाठ के साथ मंत्रों के उच्चारण के बीच प्रभु वैंकटेश का महाभिषेक किया गया। दूध,दही,घी,शकर,इत्र,केशर,
शहद,फलों का रस, आँवला, अरीठा, अन्य सुगन्धित द्रव्य पदार्थो व और वस्तुओं द्वारा नदियों के जल के रजत कलशों
की सस्त्रधारा से नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने बाहर से पधारे 10 संतों को साथ लेकर महाभिषेक किया। इसमें विशेष रुप से भगवान के पूरे विग्रह पर माखन धारण करा कर श्रृंगार किया गया और फिर वह माखन भक्तों में वितरित किया गया।
अभिषेक के पूर्व यजमान सत्यनारायण शर्मा परिवार से कलशों का पूजन सुदर्शन आचार्य व अभिषेक बिहारी शर्मा, शिवम पांडे ने कराया।
अभिषेक के बाद भगवान वेंकटेश, श्रीदेवी ओर भू देवी को हल्दी का लेपन किया गया।
अभिषेक में जल से सभी संतों और भक्तों का प्रोक्षण किया गया।
संत सभा।
महाभिषेक के बाद नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के साथ ही वैंकटेशप्रपन्नचार्य महाराज,
,रंगनाथचार्य महाराज,उज्जैन त्रिविक्रमचार्य जयपुर अश्विनी दास महाराज लोहार्गल, माधव प्रपन्नाचार्य उज्जैन, दिव्यांश महाराज हरिद्वार, सुमंतदास महाराज प्रयागराज और
राम प्रपन्नाचार्य गनेड़ी शशिधर चार्य के प्रवचनों का श्रवण भक्तों ने किया।
इस मौके पर श्री रंगनाथाचर्य महाराज ने कहा कि यह संस्कार संस्कृति पुष्ट करने का समय है। वेद सम्मत बाते जीवन मे धारण करना चाहिए। संस्कृति को जानना चाहिए। हमारे संस्कार वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ओतप्रोत हैं।
वैंकटेशप्रपन्नचार्यजी महाराज ने कहा
छोटी रथयात्रा।
शुक्रवार रात देवस्थान से शोभयात्रा छत्रीबाग में भ्रमण पर निकली। यात्रा को लेकर भक्तों में भारी उत्साह नजर आ रहा था। प्रभु के आगमन के लिए विशेष तैयारी की गई थी। यात्रा देवस्थान से प्रारम्भ होकर राजस्व ग्राम होते हुए माहेश्वरी स्कूल छत्रीबाग से शिव मंदिर होते हुए पुनः देवस्थान पहुंची। भक्तों ने फूल बरसाकर यात्रा का स्वागत किया।
प्रभु वैंकटेश हनुमानजी महाराज पर विराजमान होकर भक्तों के बीच दर्शन देने निकले थे। ढोलक की थाप पर महिलाएं, युवतियां नृत्य कर रहीं थीं। भजन गायक हरिकिशन साबू के भजनों पर भक्तगण झूम रहे थे।
मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने बताया कि इस अवसर केदारमल जाखेटिया,पुखराज सोनी, रवींद्र धुत,महेंद्र नीमा, पुखराज सोनी, पवन व्यास, गोविंद झंवर, भरत तोतला,सुरेश राठी, नितिन तापड़िया,शरद पसारी,मधु मुछाल सुनील राठी, कमल शर्मा अंकित पाठक,मौजूद थे।