जिंदगी के उलझे गणित को दार्शनिक अंदाज में पेश करता नाटक रा+धा का प्रभावी मंचन

  
Last Updated:  August 12, 2023 " 08:01 pm"

इंदौर : खंडवा रोड स्थित यूसीसी सभागृह में आयोजित सानंद मराठी नाट्य स्पर्धा मे स्तरीय नाटकों का मंचन जारी है। इसी कड़ी में संस्था नाट्य भारती के कलाकारों ने नाटक रा+धा की प्रभावी प्रस्तुति दी। कसे हुए निर्देशन और कलाकारों के मंजे हुए अभिनय से सजा यह नाटक दर्शकों को प्रभावित कर गया।

यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो गणित के प्रमेय सुलझाने में इतना खो गया की जिंदगी का गणित कब उलझ गया उसे पता ही नहीं चला और जब इसका आभास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी। नाटक के लेखक, निर्देशक और प्रमुख पात्र श्रीराम जोग ने इस नाटक के जरिए जिंदगी के फलसफे को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। इंसान अपनी जिंदगी में कई किरदार निभाता है। अगर वह एक किरदार में खोकर अन्य को भूल जाता है या उन्हें अनदेखा कर देता है तो उसे उसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है। घर हो या बाहर इंसान को हर भूमिका के साथ संतुलन निभाते आना चाहिए। अगर इसमें चूक हो गई तो जिंदगी का गणित बिगड़ते देर नहीं लगती। नाटक रा+धा में इसी बात को शिद्दत से उठाया गया है।

श्रीराम जोग ने रवींद्र लाखे की कहानी मुक्ति को रा+धा नामक इस नाटक में ढाला है। गणितज्ञ की भूमिका उन्होंने खुद निभाई है वहीं राधा का किरदार श्रृतिका जोग कलमकर ने निभाया। श्रुतिका, श्रीराम जोग की ही पुत्री हैं। असल जीवन में पिता – पुत्री श्रीराम जोग और श्रूतिका ने नाटक में अपने किरदारों को पूरी शिद्दत के साथ निभाया।नाटक के अन्य कलाकार थे श्रीरंग डिंडोळकर,दिलीप लोकरे,अनंत मुंगी,प्रतीक्षा बेलसरे, लोकेश निमगावकर व प्रांजली सरवटे। नेपथ्य अनिरुद्ध किरकिरे का था। संगीत संयोजन की जिम्मेदारी शशिकांत किरकिरे ने निभाई। प्रकाश योजना अभिजीत कळमकर की थी। नाटक का असर कुछ ऐसा रहा की उसके समाप्त होने के बाद दर्शकों ने खड़े होकर ताली बजाते हुए कलाकारों के जीवंत अभिनय की सराहना की।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *