आचार संहिता के पूर्व शहर को जानने वाले अधिकारियों को पदस्थ करने की मांग की।
इंदौर : पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपी कृष्ण नेमा ने इंदौर शहर की बिगड़ती कानून व्यवस्था की ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जिले के प्रभारी, गृह मंत्री मंत्री नरोत्तम मिश्रा का ध्यान आकर्षित करते हुए मांग की है कि आचार संहिता से पूर्व यहां शहर की तासीर को जानने समझने वाले अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।
नेमा ने कहा कि इंदौर शहर में वरिष्ठ से लेकर थाना प्रभारी तक अनजान अधिकारियों की नियुक्तियां कर दी गई हैं, जो शहर में बढ़ते अपराधों का बड़ा कारण है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पहले की तरह मैदान में गश्त करते दिखाई नहीं देते। कई थाना प्रभारी और स्टॉफ की स्थिति यह है कि उनको अपने थाना क्षेत्र के गली – मोहल्ले की भी पूरी जानकारी नहीं है। स्टाफ भी नया है। क्षेत्र के पुराने नए आदतन बदमाशों के बारे में उन्हें पता नहीं है, इसलिए जिला बदर अपराधी शहर में बेखौफ घूमते हुए पाए जाते हैं। क्षेत्र को नहीं जानने के कारण हर बार घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस को देरी होती है। क्षेत्र के भौगोलिक वातावरण स्वभाव और संवेदनशीलता से भी प्रशासन वाकिफ नहीं हुआ है।
यही कारण है कि शहर में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। हास्यास्पद स्थिति तो यह है कि थाना प्रभारी अपराधी तत्वों के अलावा, अपने क्षेत्र की पुलिस सहयोग समितियों के सदस्यों से भी अभी तक परिचित नहीं है। उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है कि उनके थाना क्षेत्र में कौन से सामाजिक, राजनीतिक एवं गणमान्य व्यक्ति निवास करते हैं, इसका भी उन्हें पता नहीं है।
शहर को जानने वाले अधिकारियों की हो नियुक्ति।
इन सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गोपीकृष्ण नेमा ने मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से मांग की है कि आचार संहिता लगने के पूर्व शहर में उन अधिकारियों को नियुक्त करें जो इस शहर के इतिहास भूगोल के साथ शहर के स्वभाव से परिचित हों। शासन की इस कार्रवाई से निश्चित रूप से शहर में अपराधों में कमी आएगी। अपराधियों में प्रशासन का डर होगा और शासन की छवि भी बनेगी।