आईएमए के वूमेन लीडरशिप कॉन्क्लेव में बोली मंदिरा बेदी।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर डाला प्रकाश।
जिंदगी को सकारात्मकता के साथ जीने पर दिया बल।
इंदौर : टीवी और फिल्मों में अभिनय के साथ क्रिकेट कमेंटेटर के बतौर अपनी पहचान रखने वाली अदाकारा मंदिरा बेदी ने भी आईएमए द्वारा आयोजित वूमेन लीडरशिप कॉन्क्लेव में शिरकत कर अपने विचार व अनुभव साझा किए। उन्होंने शुरुआती दिनों में अपनी असफलताओं पर प्रकाश डालते हुए हकीकत को सकारात्मक भाव के साथ अपनाने पर जोर दिया।
स्वर्ग और नर्क आपके दिमाग में है।
मंदिरा बेदी ने वूमेन लीडर्स के साथ संवाद कायम करते हुए कहा कि स्वर्ग और नर्क की अवधारणा आपके दिमाग में है। सही रास्ते का चुनाव आपको करना है। मंदिरा ने शब्दों के गहरे प्रभाव के साथ मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को प्रतिपादित किया। उन्होंने स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।
सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग को मंदिरा ने नजरंदाज करने पर जोर दिया। जिंदगी को सकारात्मकता के साथ किस तरह जिया जाए, इसका मंत्र मंदिरा ने बिजनेस वूमेन लीडर्स को दिया।
पति को खोने के बाद बेटी ने दिया सहारा।
मंदिरा ने इमोशनल होते हुए कहा कि पति के जाने से वे टूट गई थी। उस मुश्किल समय में बेटी ने उन्हें संभाला और दुःख से उबरने में मदद की। मंदिरा ने एक आध्यात्मिक गुरु की तरह अपनी बात रखते हुए जीवन के महत्व को रेखांकित किया। एक अदाकारा मंदिरा का जिंदगी को लेकर अलहदा और सकारात्मक दृष्टिकोण उनके अनुभवों का निचोड़ प्रतीत हो रहा था। मंदिरा बेदी के साथ चर्चा सत्र खत्म होने के बाद उपस्थित तम्माम प्रतिभागी महिलाओं ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका अभिनंदन किया।