हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी,खिले पर्यटकों के चेहरे

  
Last Updated:  January 27, 2024 " 06:39 pm"

मौसम विभाग का आकलन, पश्चिमी विक्षोभ में कमी के चलते हिमालय के कई क्षेत्रों में नहीं हुई बारिश व बर्फबारी

शिमला : हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट ली है। मनाली के ऊंचाई वाले क्षेत्र धुंधी, अटल टनल, रोहतांग, लाहौल में जमकर बर्फबारी हुई है. साल 2024 की यह पहली बर्फबारी है, ऐसे में यहां आए सैलानियों के चेहरे खिल उठे हैं। वे बर्फबारी का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं।

स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार, कुल्लू जिले में ‘अटल टनल’ के नॉर्थ पोर्टल, चंबा जिले के भरमौर और पांगी में हल्की बर्फबारी हुई. मौसम विभाग ने बताया कि रोहतांग दर्रे, बारालाचा दर्रे, शिंकुला दर्रे और कुंजुम दर्रे में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई है। ऊंचे इलाकों में 31 जनवरी तक बर्फबारी होने की संभावना है, वहीं मध्य पहाड़ी इलाकों में 29 जनवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग ने बताया, इस साल कश्मीर और अन्य जगहों पर क्यों नहीं हुई बर्फबारी l

उत्तरी भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है.वहीं उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ बिल्कुल सूखे पड़े हुए हैं। ऐसा क्या हुआ है कि हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हुई? मौसम विज्ञान विभाग ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि इस साल कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बहुत कम बर्फबारी हुई है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस क्षेत्र से कोई महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ नहीं गुजरा है। सामान्यतः हर महीने करीब पांच पश्चिमी विक्षोभ इस क्षेत्र को प्रभावित करते हैं. इस साल विक्षोभ तो आया है, लेकिन कोई खास नहीं रहा है। पिछले तीन महीनों से बारिश नहीं होने के सवाल पर मौसम विभाग का कहना है कि हमने कई शोधकर्ताओं के साथ मिलकर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के डेटा का विश्लेषण किया है। इसमें पाया कि पिछले 50 सालों में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र यानी जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में बारिश में कमी देखी गई है। यदि महीने के हिसाब से भी देखा जाए तो दिसंबर, जनवरी, फरवरी और सभी सीजन के हर महीने में गतिविधि में कमी की प्रवृत्ति दिखाई देती है. इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति और तीव्रता में भी गिरावट देखी गई है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में शीत ऋतु की बारिश में गिरावट की प्रवृत्ति दिखाई देती है।

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