जन्माष्टमी के बहाने मुख्यमंत्री यादव ने विपक्ष पर चलाया सुदर्शन चक्र

  
Last Updated:  August 25, 2024 " 07:07 pm"

जय यादव, जय माधव :सरकार की इस पहल का असर यूपी बिहार तक नजर आएगा ।

♦️️कीर्ति राणा ♦️

मध्यप्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में जन्माष्टमी पर अवकाश रद्द करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के आदेश का असर यादव वोट बैंक को अपने पक्ष में मजबूत करने वाला तो है ही, इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) का भी दिल जीतने वाला है।इस्कॉन के नार्थ जोन के सचिव (इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष) महामनदास इसलिये भी खुश हैं कि देश में एकमात्र मप्र ऐसा राज्य है जिसने कृष्ण का सत्य सनातन संदेश घर-घर पहुंचाने के लिये ऐसी दृढ़ता दिखाई है।सरकार के इस सकारात्मक कदम से इस्कॉन के कृष्ण भक्ति आंदोलन का महत्व और बढ़ जाएगा।सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा सभी स्कूल-कॉलेजों में उत्सव आयोजित करने संबंधी मुख्यमंत्री का फरमान जारी करने के साथ ही प्रमुख मंदिरों द्वारा जन्माष्टमी पर व्याख्यान आदि के आयोजन में संस्कृति विभाग भी सहभागी बन रहा है।

सरकारी तौर पर पूरे राज्य में जन्माष्टमी पर्व मनाने के पोलिटिकल एंगल को ऐसे समझा जा सकता है कि मध्य प्रदेश में ही यादव समाज ओबीसी में शामिल है। यादवों की आबादी 80-90 लाख के करीब है। कई विधानसभा में यादव वोट निर्णायक हैं। इसी के साथ समीप के हिंदी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ ही मुंबई (महाराष्ट्र) में बिहारियों के साथ यादव समाज की संख्या भी अधिक है।यूपी में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है।पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी और बिहार के यादव बहुल क्षेत्रों में भाजपा नेतृत्व ने खास तौर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को सभा-रैली के लिए भेजा था।सरकार के जन्माष्टमी मनाने संबंधी इस फरमान पर विपक्ष ने आंखें तरेरी हैं कि सरकार इसी तरह ईद और गुरुनानक जयंती भी स्कूल-कॉलेजों में मनाने का आदेश निकालेगी क्या?

मुख्यमंत्री ने मन मोह लिया महामनदास का ।

इस्कॉन के नार्थ जोन ( एमपी,यूपी, हरियाणा, पंजाब, छग, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड) के सचिव महामनदास ने कहा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का गृह जिला उज्जैन है, जहां भगवान कृष्ण ने सांदीपनी आश्रम में रहकर गुरूकुल पद्धति से शिक्षा प्राप्त की है।अब उसी जिले के प्रतिनिधि के रूप में डॉ. यादव ने भगवान कृष्ण के चरित्र को जन-जन तक पहुंचाने का पवित्र संकल्प लेकर जो घोषणा की है, निश्चित ही उससे प्रदेश में शांति, संस्कृति और एकता को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से प्रेरित होकर इस्कॉन म.प्र. द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यह संकल्प लिया जा रहा है कि अधिक से अधिक वंचित बालक एवं बालिकाओं को नि:शुल्क धार्मिक एवं व्यावहारिक शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे प्राचीन गुरुकुल पद्धति से शिक्षा व्यवस्था को प्रदेश में फिर से लागू कर नैतिक शिक्षा की दिशा में एक और क्रांतिकारी पहल करें।इस्कॉन इंदौर और महेश्वर में गुरुकुल पद्धति से बच्चों को आठवीं तक नि:शुल्क शिक्षा दे रहा है।

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