फलों के रस ओर केशर जल की सहस्त्र धारा से प्रभु वेंकटश का महाभिषेक।
प्रभु वेंकटेश की हुई महाआरती aur अर्चना।
इंदौर : दूध दही शहद की सहस्त्रधारा के साथ विद्यार्थियों द्वारा स्तोत्र पाठ का मधुर वाचन और भक्तों द्वारा गोविंदा – गोविंदा के जयघोष के साथ दशहरा पर लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में प्रभु श्री वेंकटेश का जयंती महोत्सव मनाया गया।
प्रातः 8 बजे वेंकटरमना गोविंदा श्री निवासा गोविंदा नाम जप परिक्रमा देवस्थान में निकाली गई, इसके बाद प्रभु वेंकटेश का पंचामृत महाभिषेक किया गया जिसमें रजत कलशों में दूध, दही घी, शकर, शहद, इत्र, सभी सुगन्धित द्रव्य पद्धार्थो,फलों के रस की सहस्त्रधारा,नदियों का जल और समुद्र जल समाश्रित किया गया था। मंदिर के पुजारी मुकुंदरामानुज दास, जय दुबे, सत्तू काका, गोपाल,मनोहर शर्मा और कैलाश शर्मा द्वारा प्रभु वैंकटेश का महाभिषेक कराया गया। अभिषेक पूर्व कलशों का पूजन किया गया। इसी के साथ प्रभु को हल्दी का लेप लगाया गया। बाद में प्रभु का दिव्य श्रृंगार कर महाआरती व स्वर्ण पुष्पों से अर्चना की गयी अंत में गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।
रात्रि में प्रभु वेंकटेश रजत रथ पर आरूढ़ हो देवस्थान में परिक्रमा पर निकले। इस दौरान अपने प्रभु के दर्शन के लिए भक्तों का उत्साह देखते बनता था। वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के बच्चों ने इस मौके पर वेंकटेश स्तोत्र, श्री सूक्त पुरुष सूक्त सहित सभी स्तोत्र का वाचन किया। प्रभु वेंकटेश की तीन परिक्रमा के पश्चात नजर उतार कर आरती की गयी। रात्रि में गोष्ठी प्रसाद वितरण के साथ महोत्सव का समापन हुआ।
इस अवसर पर पंकज तोतला रमेशचंद्र चितलांग्या,राजेन्द्र सोनी,पवन व्यास,भरत तोतला,आनंद बजाज, ऋषि शर्मा कृष्णा शर्मा आदि गणमान्य जन मौजूद थे।