इंदौर : संस्था सेवा सुरभि में कुछ अलग करने का जज्बा शुरू से रहा है।संगीत गुरुकुल के संचालक गौतम काले को साथ लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वी जयंती पर जाल सभागृह में पेश कार्यक्रम यादगार बन गया। कार्यक्रम में बापू के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में उनके प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेणे कहिये’ और ‘रघुपति राघव राजाराम’ तो शामिल थे ही, हजरत अमीर खुसरो की रचना ‘आज रंग है ऐ मां, रंग है री’ की प्रस्तुति ने श्रोताओं को अलग आनंद का अहसास कराया। गौतम काले के संगीत गुरुकुल के नवोदित कलाकारों ने अपनी एकल और समवेत प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया।
संस्कृति कर्मी संजय पटेल ने बापू के भजनों की कड़ियों को उन्हीं के विचारों और अनछुए प्रसंगों के जरिये लड़ियों का रूप दिया।
सेवाभावी संस्थाओं का सम्मान।
सेवा सुरभि के इस कार्यक्रम में गांधीजी के बताए रास्ते पर चलकर जीव दया और मानव सेवा को अपना ध्येय बनाने वाली सामाजिक संस्थाओं को सम्मानित किया गया। इनमें अहिल्या माता गौशाला, जैविक सेतु, जैन इंजीनियरिंग ऑर्गनाइजेशन, जीवनशाला और ज्वाला महिला समिति शामिल है।
इस मौके पर प्लास्टिक मुक्त भारत की अवधारणा को आगे बढाने के लिए विचार पट्टिका का विमोचन पद्मश्री जनक पलटा, भालू मोंढे, प्रो. सरोजकुमार, राजेश चेलावत, सत्यनारायण पटेल, श्रवण गर्ग, और वीरेंद्र गोयल ने किया।
गांधीजी की विचारधारा के अनुरूप मंच सज्जा में फ्लेक्स की जगह कपड़े के बैनर का उपयोग किया गया। कुल जमा पौने दो घंटे के इस कार्यक्रम में समय का भी खास ध्यान रखा गया। पौने तीन सौ की क्षमता वाला जाल सभागार श्रोताओं से भरा हुआ था। कुल मिलाकर गांधी-150 के उपलक्ष्य में आयोजित यह कार्यक्रम गांधीजी के विचारों और जीवन दर्शन को श्रोताओं तक पहुंचाने में कामयाब रहा।