शिक्षा जगत के अग्रणी चेहरों का होगा सम्मान।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर होगा विचार-विमर्श।
इंदौर : प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (पीआईएमआर) द्वारा ‘ऐकडेमिक लीडर्स समिट – प्रेस्टीज प्रिंसिपल्स मीट 2024’ का आयोजन 18 दिसंबर, बुधवार को होटल सयाजी के सभागार में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में इंदौर शहर के 130 से अधिक स्कूलों के प्रिंसिपल्स और शिक्षाविदों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। समिट का मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर आधारित पैनल चर्चा होगी, जिसमें शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, लाभों और चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। इस चर्चा में शिक्षाविद, नीति-निर्माता, और अनुभवी विशेषज्ञ भाग लेंगे। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समिट का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। संभागायुक्त दीपक सिंह विशेष अतिथि के बतौर मौजूद रहेंगे।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने यह जानकारी दी।पीआईएमआर के ग्रुप डायरेक्टर डायरेक्टर डॉ. एस एस भाकर, कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.राजीव रघुवंशी, और कर्नल अय्यर भी मौजूद रहे।
शिक्षा में नवाचार को मिलेगा बढ़ावा।
डॉ.डेविश जैन ने बताया कि यह समिट शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता सुधार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. जैन ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त करती है। इसका सफल क्रियान्वयन और चुनौतियों का समाधान आज की आवश्यकता है।” उन्होंने आगे कहा, “हम इस समिट के माध्यम से उन प्रिंसिपल्स और शिक्षाविदों को सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने न केवल अपने विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य किया है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी भूमिका भी निभाई है। हमारा उद्देश्य एक ऐसा संवाद स्थापित करना है जो शिक्षा में नवाचार, समावेशिता और नेतृत्व को प्रेरित करे।”
शिक्षक और प्रिंसिपल्स समाज की दिशा तय करते हैं।
पीआईएमआर के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. एस.एस. भाकर ने कहा, “शिक्षा का क्षेत्र समाज के भविष्य को आकार देता है। शिक्षक और प्रिंसिपल्स केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहते, बल्कि अपने विचारों और नेतृत्व से समाज की दिशा तय करते हैं।”
समिट में शिक्षक और शिक्षाविद् साझा करेंगे अपने अनुभव।
पीआईएमआर के डायरेक्टर डॉ. राजीव रघुवंशी ने समिट के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “शिक्षा में सुधार और नवाचार के लिए शिक्षकों और प्रिंसिपल्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मीट एक ऐसा प्रभावी मंच बनेगा, जहां उनके अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए जा सकेंगे।”
इस समिट के दौरान प्रिंसिपल्स को उनके विद्यालयों में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाएगा, ताकि अन्य संस्थान भी इससे प्रेरणा ले सकें। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
बता दें कि सम्मानित होनेवालों में इंदौर, उज्जैन, देवास, पीथमपुर और आसपास के क्षेत्र के शिक्षक व शिक्षाविद भी शामिल हैं।