बीजेपी पार्षदों ने पोस्टर लहराते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर लगाया बाबासाहब अंबेडकर के अपमान का आरोप।
कांग्रेस ने आरोपों को बताया गलत, बाबासाहब के अनादर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से की इस्तीफे की मांग।
इंदौर : संविधान निर्माता बाबासाहब अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर संसद से सड़क तक संग्राम मचा हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक – दूसरे पर बाबासाहब के अनादर का आरोप लगाते हुए अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं। इसका असर मंगलवार को संपन्न हुए नगर निगम परिषद के सम्मेलन में भी देखने को मिला। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से एक – दूसरे पर बाबासाहब के प्रति अमर्यादित आचरण और असम्मान के आरोप लगाए गए । इस बात पर काफी देर तक हंगामा होता रहा।
जीतू पटवारी, अमित शाह रहे निशाने पर।
निगम संमेलन में बीजेपी पार्षद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के पोस्टर लेकर पहुंचे थे, जिनमें पटवारी बाबासाहब का पोस्टर अपने घुटने पर उल्टा रखकर उसपर कुछ लिखते नजर आ रहे थे। ये वाकया सोमवार को कांग्रेस द्वारा पुलिस आयुक्त कार्यालय पर किए गए घेराव – प्रदर्शन के दौरान का बताया जा रहा था। दरअसल सभापति द्वारा प्रश्नकाल की घोषणा की गई थी पर उसके पहले ही बीजेपी पार्षद हाथों में जीतू पटवारी के पोस्टर लहराकर उनपर बाबा साहब के अपमान का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे सहित तमाम कांग्रेस पार्षद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बाबा साहब के अपमान का आरोप लगाते हुए उनसे माफी की मांग करते रहे। काफी देर तक इस मुद्दे पर हंगामा होता रहा।
बाद में मीडिया से चर्चा में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी ने बाबासाहब का पोस्टर पैरों पर उल्टा रखकर उसका किसी सामान्य कागज की तरह इस्तेमाल करते हुए बाबासाहब का अपमान किया। सदन में बीजेपी पार्षदों ने उनके इसी कृत्य को उजागर करते हुए उनसे माफी की मांग की थी।
उधर नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि जीतू पटवारी और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए बीजेपी झूठा प्रपोगंडा कर रही है। माफी तो बीजेपी को मांगनी चाहिये। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संसद में किए गए बाबासाहब के अपमान पर अपने पद से इस्तीफा देना चाहिये।