।। कीर्ति राणा।।
इंदौर : पितरेश्वर हनुमान की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के विभिन्न उत्सवों की शुरुआत 14 फरवरी से हुई और इस पूरे पखवाड़े में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भक्तिभाव-यज्ञ-पूजा-संतों की अगवानी-भोजन प्रसादी की व्यवस्था में ऐसे रंग गए हैं कि राजनीति से जुड़े सवाल-जवाब पितृ पर्वत पर प्रतिबंधित से
ही हैं।प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने वाले हर मुद्दे पर बेबाक बोलने वाले विजयवर्गीय एक पखवाड़े से खामोश हैं ।
अभी रविवार को वे बंगाल में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ थे।दोपहर की फ्लाइट से ही आए और सीधे पितृ पर्वत पहुंचे।अमित शाह से संवाद कर लौटे बंगाल के प्रभारी विजयवर्गीय के पास कहने को तो बहुत कुछ है लेकिन जब वे पितृ पर्वत पर चर्चा कर रहे थे तो पहले ही स्पष्ट कह दिया ‘नो पोलिटिक्स, नो पोलिटिकल क्वेश्चन’।कहने लगे सीएम कमलनाथ इंदौर आए तो कई साथियों ने कहा उन्हें निमंत्रित करना चाहिए। मैंने तो मोदी जी या अन्य किसी केंद्रीय मंत्री को भी निमंत्रित नहीं किया। बेटे की शादी से निपटे और यहां बुला लिया हनुमान जी ने।रमेश (मेंदोला) जी ने प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के निमंत्रण भी छपवाए थे, वह भी बांटने का वक्त नहीं मिला।जिसे आना होगा, हनुमान जी खुद बुला लेंगे, हम निमंत्रित करने वाले कौन?
जब उनसे पूछा कि इस भव्य-दिव्य आयोजन के बाद ही राज्यसभा चुनाव की सरगर्मी भी शुरु हो जाएगी तो क्या इस आयोजन का चमत्कार आप के हित में राज्यसभा चुनाव में देखने को मिलेगा? उनका कहना था मैं तो नंदानगर की गलियों में गिल्ली-डंडा खेलता था। परिवार भी साधारण था, हमारी स्थिति भी ठीक नहीं थी। मैं कहां था, कहां पहुंच गया।ये हनुमानजी की कृपा ही है कि मुझे इस भव्य प्रतिमा की स्थापना और इस सारे उत्सव को सम्पन्न कराने का सौभाग्य मिला। आज जो मैं यहां इस कुर्सी पर बैठा हूं, ये सब राज्यसभा की सीट से कम नहीं है।
इस धार्मिक आयोजन में राजनीति का प्रवेश प्रतिबंधित इसलिए भी लगता है कि सुपर कॉरिडोर, गांधीनगर से लेकर आयोजन स्थल तक पितरेश्वर हनुमान वाले भगवा ध्वज, संतों के होर्डिंग्ज लगे हैं।
जिस दिन रवींद्र नाट्यगृह में पितृ पर्वत पर आयोजित किए जाने वाले प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की पहली बैठक हुई थी उसी दिन विजयवर्गीय ने मंच से घोषणा की थी कि पितरेश्वर हनुमान जी की स्थापना इंदौर की आस्था से जुड़ा है।यह भाजपा का आयोजन नहीं है, सभी दलों, संगठनों और शहर के लाखों श्रद्धालुओं की भावना से जुड़ा है इसलिए न तो समारोह स्थल पर पार्टी का झंडा रहेगा न पार्टी आधारित विज्ञापन रहेंगे और न ही मैं खुद पितृ पर्वत पर राजनीति आधारित बातचीत करुंगा।
उनकी गैरहाजिरी में विधायक रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय के साथ टीम के बाकी सदस्य, पत्नी आशा विजयवर्गीय, पार्षद पूजा पाटीदार आदि मोर्चा संभाले रहते हैं।