*गोविन्द मालू*
खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने छिंदवाड़ा में नाथ पिता पुत्र की गुमशुदगी के पोस्टर को लेकर कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर पलटवार किया है। श्री मालू ने कहा कि कमलनाथ और नकुलनाथ अभी शासन की बागडोर नहीं सम्भाल रह,े वे जनप्रतिनिधि हैं। उन्हें अपने दायित्व से विमुख नहीं होना चाहिए।वे कोई चमत्कारी पुरुष, अन्तर्यामी या भगवान नहीं हैं जो दूर बैठकर ही जनता का दुःख- दर्द समझ किसी चमत्कार से उसे दूर कर देंगे। जिस तरह दूसरे विधायक – सांसद अपनी जनता के बीच लगातार बने रहते हैं, वैसे ही उन्हें भी रहना चाहिए।
मालू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के नाते भी जनता उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा चुकी है, वे तो चुनाव के गुणा भाग में लगे हैं, कोरोना से उन्हें कोई लेना देना न तो सत्ता में रहते हुए था ना अब है।
यदि मुख्यमंत्री रहते समय, गिर चुकी सरकार को बचाने में समय गंवाने के बजाय कोरोना संक्रमण से बचाव के फौरी उपाय करते तो कई जगह ऐसी स्थिति नहीं होती जो बाद में उस ढील पोल की वजह से हुई।सरकार बचाने और माल बटोरने के अलावा काँग्रेस की सरकार को कोई काम ही नहीं था।
बुधनी से न करें तुलना..
श्री मालू ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह रात दिन पूरे प्रदेश की सतत निगरानी करते हुए जनता से संवाद बनाए हुए है। इसलिए बुधनी से छिंदवाड़ा की तुलना काँग्रेस न करें। मुख्यमंत्री के लिए पूरा प्रदेश बुधनी है, जो कभी कमलनाथ के लिए नहीं रहा और अब तो नाथों ने छिंदवाड़ा को भी लावारिस छोड़ उसे भी अनाथ कर दिया है।
(लेखक गोविंद मालू बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं।)