शीर्ष पर रहकर भी जमीन से जुड़े पत्रकार थे दिलीप सिंह ठाकुर
🔹अन्ना दुराई 🔹 जब दिलीप ठाकुर पत्रकार नहीं थे। वे कॉलेज के दिनों में भैया के सहपाठी थे, इसलिए अक्सर घर आया करते थे। कभी कभी तो महिनों उनकी दिन रात घर पर ही गुज़रती थी। मम्मी के हाथ का भोजन उन्हें बहुत पसंद था। हमारा परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से है तो अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में वे दोस्त होने के नाते उसमें शामिल होते थे। एक बार किसी आयोजन के बैनर पोस्टर हम रात में बंधवा रहे थे। खंबे पर और पढ़े