मंदी की आफत में छूटों की राहत।
🔺गोविन्द मालू 🔺
केंद्रीय बजट में आम जनोन्मुखी धारा बहती दिखाई दे रही है। यह बजट अमृत काल का विज़न डॉक्यूमेंट है। केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में आर्थिक मामलों के जानकार और भाजपा नेता गोविन्द मालू ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह बजट
रोजगार,कामगार, काश्तकार, सेहतकार, कलाकार का बजट होकर गरीब कल्याण,महिला कल्याण, किसान कल्याण की उदघोषणा वाला राहत वाला बजट है।गरीब, मध्यमवर्ग के लिए वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष राहत की कई घोषणाएं की हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महिला सम्मान बचत पत्र योजना और आयकर में बहुप्रतीक्षित छूटें देकर बजट को आम आदमी हितैषी और बहुआयामी बनाया है।पर्यावरण की गम्भीर चुनोती पर भी बजट मुखर है।पूंजीगत निवेश ,इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे और विमानन पर बजट राशि बढ़ाकर रोजगार को मजबूती देने का उदघोष किया है। बजट घाटे को जीडीपी के 3.5% रखकर बजट अनुशासन की आधारशिला रखी है।कृषि में डिजिटलाइजेशन व स्टार्ट अप की घोषणा और किसानों के प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त प्रावधान कर नए युग के साथ कदमताल करने की पदचाप सुनाई देती है।
मालू ने कहा कि आवास योजना के बजट में 66% की बढोत्री जहां गरीब को छत के सपने को पूरा करेगी वहीं इस निर्माण से नव रोजगार का सृजन होगा।
यह बजट व्यापार उद्योग को बढ़ावा देने वाला वैश्विक आफत के समय राहत वाला बजट है। समावेशी विकास के जरिए अंतिम मील तक विकास की पहुंच वाला दूरदर्शी अग्रगामी बजट है।