इंदौर :- धारा 370 जम्मू- कश्मीर और वहां के लोगों के विकास में बाधक बनी हुई थी। आरटीई और आरटीआई सहित तमाम जनहितकारी कानूनों का लाभ जम्मू- कश्मीर की जनता को नहीं मिल पा रहा था। ओबीसी आरक्षण भी वहां लागू नहीं हो पा रहा था। इसलिए धारा 370 को हटाना जरूरी था। ये बात केंद्रीय सूचना प्रसारण और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कही। वे इंदौर प्रवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया कर्मियों से चर्चा कर रहे थे। स्थानीय बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि पंचायतों में मिलने वाले राजनीतिक आरक्षण में भी धारा 370 बाधक बनी हुई थी। हर 5 साल में पंचायतों के चुनाव करवाए जाना अनिवार्य है पर जम्मू- कश्मीर में बीते 30 वर्षों में पंचायतों के चुनाव नहीं हुए। यही नहीं अल्पसंख्यको को शिक्षण संस्थान खोलने का अधिकार देशभर में मिला हुआ है पर जम्मू- कश्मीर में नहीं मिला है। इस सबकी वजह धारा 370 थी। इसीलिए दो तिहाई बहुमत के साथ इस धारा को हटा दिया गया। अब जम्मू- कश्मीर के लोगों को भी वो सारे अधिकार मिलेंगे जो देश के अन्य राज्यों के लोगों को मिले हुए हैं।
अलगाव वाद और आतंकवाद का जरिया बन गई थी धारा 370।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि धारा 370 अलगाववाद और आतंकवाद का जरिया बन गई थी। पाकिस्तान इसे हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा था। इसको हटाए जाने से देशभर में जश्न का माहौल है। जम्मू और लद्दाख ही नहीं कश्मीर घाटी में भी लोग समझ रहे हैं कि धारा 370 का हटना उनके हित में है।
पीओके भारत का हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्री श्री जावड़ेकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 1994 में संसद में सर्वानुमति से प्रस्ताव पारित किया गया था कि पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है। जम्मू- कश्मीर विधानसभा में पीओके की सीटें खाली छोड़ी जाती हैं।
संसद के सत्र में रिकॉर्ड बिल हुए पारित।
श्री जावड़ेकर ने बताया कि संसद के मॉनसून सत्र में इस बार बरसों का रिकॉर्ड टूटा। कुल 30 बिल पारित हुए। राज्यसभा में बीते दो वर्षों में 22 बिल अटक गए थे। इस बार ये तमाम बिल नए सिरे से पेश किए गए और पारित हुए।
कांग्रेस दिशाहीन हो गई है।
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि बीते 75 दिनों में जनता ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों का कामकाज देखा है। बीजेपी जहां तेजी से आगे बढ़ रही है वहीं कांग्रेस 75 दिनों तक बिना अध्यक्ष के रही। ये पार्टी गांधी परिवार पर आश्रित होकर रह गई है जिसकी न कोई दिशा है, न नीति है और न ही नीयत है।
मीडिया को पूरी आजादी है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रेस की आजादी को लेकर विश्व में भारत की स्थिति में गिरावट आने संबंधी खबरों को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि भारत में मीडिया को पूरी आजादी है। वह सरकार के कामकाज और नीतियों की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र है।