अपनी नाकामी छुपाने के लिए ताई का उल्लेख कर रहे पटवारी।
कांग्रेस उम्मीदवार और डमी का चयन क्या भाजपा ने किया?
इंदौर : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की नाम वापसी में भाजपा को कोसने और घड़ियाली आंसू बहाने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ही असल में वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने अक्षय बम के भाजपा में जाने की पटकथा लिखी है। ‘इधर-उधर की बात न कर, ये बता कि कारवां लुटा कैसे? इस घटनाक्रम के असल किरदार तो जीतू पटवारी खुद हैं। कांग्रेस के नेता भी प्रदेश अध्यक्ष को ही इस पटकथा का लेखक और निर्देशक बता रहे हैं। क्या यह सही नहीं है कि जीतू पटवारी ने खुद के चुनाव लड़ने से बचने के लिए यह साजिश रची है? क्योंकि, वे लाखों वोटों की हार की कालिख खुद पर लगने से बचना चाहते थे।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी ने अपने नेता राहुल गांधी की आड़ में श्रीमती सुमित्रा महाजन का नाम लेने पर पलटवार किया। मालू ने कहा कि ये घर का कैसा मुखिया है, जिसके सामने घर का सदस्य खुद चला जाए और आरोप दूसरे पर लगाए।
मालू ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी ने तीस हजार से ज्यादा मतों से विधानसभा चुनाव हारने वाले को प्रदेश की फ्रेंचाइजी सौंपी, तो यह होना ही था। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ता की बात नहीं मानी, जनता से पूछा नहीं और अब भाजपा के नाम का स्यापा काट रहे हैं। भाजपा के दरवाजे पर कोई आएगा तो भाजपा उसे स्वीकार करेगी।
गोविंद मालू ने कहा कि राहुल गांधी को इंदौर की पटकथा की स्क्रिप्ट प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने बता दी थी। राहुल गांधी ने जीतू पटवारी को लताड़ा भी, लेकिन अब वह ‘ताई’ का नाम लेकर असली बात पर पर्दा डालना चाहते हैं।
पटवारी खुद चाहते थे, इंदौर की सीट खाली रहे।
मालू ने कहा आज भाजपा पर आरोप लगाने वाले और ‘ताई’ का नाम लेकर शुचिता की दुहाई देने वाले पटवारी यह बताएं कि अक्षय बम क्या भाजपा की पसंद का उम्मीदवार था या पटवारी की पहली पसंद का चयन था? क्या डमी उम्मीदवार खड़ा करने में जानबूझकर तकनीकि त्रुटि जीतू ने नहीं करवाई? वे खुद चाहते थे कि इंदौर की सीट खाली रहे। भाजपा पर आरोप लगाने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को खुद के इस अपराध, जिसका कांग्रेस नेता मुखर रूप से आरोप लगा रहे हैं, उन्हे अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।