अखंड वेदांत संत सम्मेलन में सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर भी होगा विचार

  
Last Updated:  December 8, 2022 " 12:14 am"

एयरपोर्ट रोड स्थित अखंड धाम आश्रम में 8 से 14 दिसंबर तक होगा अखंड वेदांत संत सम्मेलन।

40 से अधिक संत महात्मा करेंगे शिरकत।

इंदौर : बिजासन रोड स्थित प्राचीन अविनाशी आश्रम अखंड धाम पर 55वें अ.भा.अखंड वेदांत संत सम्मेलन का आयोजन 8 से 14 दिसम्बर तक होने जा रहा है। सम्मेलन में देश के जाने-माने 40 से अधिक संत, विद्वान, शंकराचार्य, महामंडलेश्वर एवं तपस्वी संत भाग लेंगे। वे आम नागरिकों को सनातन धर्म, वेदांत की उपयोगिता, धर्म एवं संस्कृति से जुड़े विषयों के साथ ही वृद्धाश्रम, संयुक्त परिवार, शिक्षा और संस्कार, साइबर क्राइम, स्वदेशी को प्रोत्साहन, युवाओं में राष्ट्रप्रेम जैसे मुद्दों पर भी अपने विचारों से अवगत कराएंगे। सम्मेलन में प्रतिदिन दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक संत, विद्वानों के प्रवचन होंगे। आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद महाराज की 55वीं पुण्यतिथि पर 14 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे सैकड़ों भक्त हाथों में दीपक एवं मोमबत्ती लेकर आदरांजलि समर्पित करेंगे। सम्मेलन में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज प्रमुख रूप से शामिल होंगे।

आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ.स्वामी चेतन स्वरूप के सान्निध्य में महोत्सव की दिव्यता को देखते हुए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।

गुरुवार, 8 दिसंबर को होगा शुभारंभ।

सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक निरंजनसिंह चौहान ‘गुड्डू’, महासचिव सचिन सांखला एवं सचिव भावेश दवे ने पत्रकारों को सम्मेमलन की तैयारियों का अवलोकन कराते हुए बताया कि सम्मेलन का शुभारंभ गुरुवार 8 दिसम्बर को दोपहर 3 बजे जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के मुख्य आतिथ्य एवं जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के विशेष आतिथ्य तथा चित्रकूट पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज की अध्यक्षता में होगा।

सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर भी होगा विचार – मंथन।

इस सम्मेलन में सामाजिक सरोकार से जुड़े अनेक विषयों को भी शामिल किया गया है। इनमें वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को गोद लेने, संयुक्त परिवार को बढ़ावा देने, शिक्षा और संस्कार के प्रति जागरुकता, साइबर क्राइम से बचाव, स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने तथा युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना को बढ़ाने सहित अनेक सामाजिक महत्व के मुद्दे शामिल हैं। इन विषयों पर प्रतिदिन एक-एक वक्ता एक-एक विषय पर अपना पक्ष रखेंगे। इसके अलावा ‘ जीवन में गुरू का महत्व’, ‘सनातन धर्म क्या है’, ‘शिवोम की महिमा’, ‘मानव जीवन में वेदांत की उपयोगिता’, ‘अध्यात्म की आवश्यकता’ एवं सीधे परमात्मा से कैसे जुड़े आदि विषयों पर भी देश के जाने-माने संत-विद्वान मार्गदर्शन करेंगे।

आयोजन समिति के प्रमुख संरक्षक विनोद अग्रवाल, प्रेमचंद गोयल, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, विनोद सिंघानिया, बालकृष्ण अग्रवाल तथा दिनेश मित्तल के मार्गदर्शन एवं महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप के सान्निध्य में सम्मेलन को सफल बनाने के लिए विभिन्न 10 समितियों का गठन किया गया है। इनमें विजयसिंह परिहार एवं दिग्विजयसिंह सांखला सह संयोजक, आदित्य सांखला उपाध्यक्ष, नवनीत शुक्ला प्रचार प्रमुख, पवन सिंघानिया एवं जगदीश बाबाश्री स्वागताध्यक्ष, नारायण अग्रवाल 420 पापड़वाले स्वागत महामंत्री, वीरेन्द्र गुप्ता, योगेन्द्र महंत, राजेन्द्र मित्तल, शैलेन्द्र मित्तल एवं राजेन्द्र गुप्ता स्वागत संयोजक बनाए गए हैं। किशोर गोयल कोषाध्यक्ष मनोनीत किए गए हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर एवं स्व. देवकृष्ण सांखला प्रमुख प्रेरणा स्त्रोत होंगे। महापौर पुष्य मित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, समाजसेवी कल्याणमल खजांची, निर्मल-अनिल रामरतन अग्रवाल इस सम्मेलन में प्रमुख मार्गदर्शक होंगे। आश्रम के संत स्वामी राजानंद महाराज विभिन्न व्यवस्थाओं के समन्वयक बनाए गए हैं। व्यवस्था की दृष्टि से भी 10 समितियों का गठन किया गया है।
सम्मेलन में मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती, हरिद्वार के स्वामी भास्करानंद, चारधाम मंदिर उज्जैन के स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरि, वृंदावन के वेदांताचार्य स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, रतलाम के महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानंद, उज्जैन सिद्धपीठ के स्वामी नारदानंद, स्वामी वीतरागानंद, विद्याधाम इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, अन्नपूर्णा आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि, चौबारा जागीर के वेदांत भूषण स्वामी नारायणानंद, चित्रकूट के स्वामी प्रभूतानंद, वृंदावन के स्वामी जगदीश्वरानंद, डाकोर गुजरात के देवकीनंददास रामायणी, चिन्मयम मिशन इंदौर के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, आनंदमयी पीठ के स्वामी केदार महाराज, छत्रीबाग के महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, खातीपुरा राम मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास महाराज, हंसदास मठ के स्वामी रामचऱणदास, सदगुरु राष्ट्रसंत अण्णा महाराज, गोराकुंड रामद्वारा के संत अमृतराम रामस्नेही, वाल्मीकि धाम उज्जैन के बालयोगी संतोष उमेश नाथ, सोनकच्छ के महंत लवचंद्रदास, अयोध्या के स्वामी शिवरामानंद, ईश्वर प्रेम आश्रम इलाहाबाद की साध्वी भक्तिप्रिया, सारंगपुर की भागवताचार्य अर्चना दुबे, रतलाम के स्वामी देवस्वरूप, अमरनाथ कुटी के स्वामी अरुणगिरि, भीलवाड़ा के स्वामी सहजानंद, भीलवाड़ा की ही साध्वी भागवताचार्य पद्माजी, गोधरा की साध्वी परमानंदा सरस्वती, अखंड परमधाम इंदौर की साध्वी चेतन सिंधू, लादूनाथ महाराज के शिष्य महंत रामकिशन महाराज, सुदामानगर की साध्वी मीरादेवी एवं उज्जैन के स्वामी वेदानंद सहित 40 से अधिक संत इस संत सम्मेलन में पधारंगे और विभिन्न विषयों पर प्रतिदिन अपने विचार व्यक्त करेंगे। सम्मेलन स्थल पर भक्तों की सुविधा के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं।

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