इंदौर : पश्चिम रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण इंदौर स्टेशन आनेवाले समय में भव्य और अत्याधुनिक स्वरूप में दिखाई देगा। एयरपोर्ट की तर्ज पर इसमें तमाम यात्री सुविधाएं शामिल होंगी। इसकी डिजाइन को रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। पीपीपी मोड़ पर इसका कायाकल्प किया जाएगा। इसपर करीब 2 हजार करोड़ की लागत आने का अनुमान है।
ये जानकारी सांसद शंकर लालवानी ने दी। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने डिजाइन को मंजूरी देकर महाप्रबंधक पश्चिम रेलवे को भेज दी है। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद तीन से चार माह में इसके टेंडर जारी हो जाएंगे।
अगले 50 वर्षों को ध्यान में रखकर किया जाएगा स्टेशन का विकास।
सांसद लालवानी ने बताया कि इंदौर रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण और विकास अगले 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। एक सर्वे में यह आकलन किया गया है कि 2070 में इंदौर रेलवे स्टेशन पर हर घंटे 12 हजार यात्रियों की आवाजाही होगी। इसे ध्यान में रखकर ही स्टेशन की विकास योजना बनाई गई है।
रेलवे कॉलोनी की जमीन का भी होगा उपयोग।
रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और विकास योजना में रेलवे कॉलोनी, रिजर्वेशन ऑफिस और रेलवे की अन्य जमीन को भी शामिल किया गया है।इस जमीन पर मॉल, कैफेटेरिया, होटल, लॉजिंग आदि का निर्माण होगा। पार्किंग की व्यवस्था अंडर ग्राउंड रहेगी। स्टेशन की मुख्य इमारत भव्य स्वरूप लिए होगी।
बस स्टैंड और मेट्रो स्टेशन से होगी कनेक्टिविटी।
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि रेलवे स्टेशन के सामने से गुजरने वाले रोड को यथावत रखा जाएगा। रीगल तिराहे पर प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन और सरवटे बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन को कनेक्ट करने का प्रावधान स्टेशन की विकास योजना में किया गया है।
इंदौर की पहचान होगी प्रदर्शित।
सांसद लालवानी ने बताया कि रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और विकास योजना में इंदौर की पहचान प्रदर्शित होती रहे इसका भी ध्यान रखा गया है। स्टेशन परिसर और अंदरूनी हिस्से में इंदौर की विरासत को म्यूरल, संग्रहालय और अन्य माध्यमों से प्रदर्शित किया जाएगा।
तीन साल में पूरा होगा स्टेशन का विकास।
सांसद लालवानी के मुताबिक इंदौर रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और विकास की बहुआयामी योजना टेंडर होने के बाद तीन साल की कालावधि में पूरी कर ली जाएगी।