इंदौर.हाईकोर्ट और निचली अदालतों में वर्तमान में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है। कुछ अधिवक्ता संघों द्वारा न्यायालयों में प्रकरणों की भौतिक सुनवाई की मांग की गई थी, जिस पर चीफ जस्टिस एके मित्तल ने उच्च न्यायालय के पांच वरिष्ठ न्यायाधीशों की समिति गठित की थी। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर समिति ने निर्णय लिया कि उच्च न्यायालय तथा अधीनस्थ न्यायालयों में 15 अगस्त तक वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई जारी रखी जाए।
समिति के अध्यक्ष प्रशासनिक न्यायाधिपति संजय यादव तथा सदस्यगण के रूप में न्यायाधिपति एससी शर्मा, न्यायाधिपति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायाधिपति शील नागु और न्यायाधिपति सुजाय पॉल की समिति ने यह निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघों की मांगों पर विचार करने के लिए कमेटी की मीटिंग हुई थी।
उच्च न्यायालय तथा जिला न्यायालयों के कई अधिवक्ता संघों के द्वारा राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों तथा उच्च न्यायालय में व्यक्तिगत सुनवाई प्रारंभ किए जाने की मांग की गई थी। जबकि कुछ अधिवक्ता संघों द्वारा यह मांग की गई कि कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रदेश के न्यायालयों में वीडियो कांफ्रेसिंग से की जा रही सुनवाई को ही जारी रखी जाए तथा भौतिक सुनवाई अभी प्रारंभ न की जाए। दोनों अधिवक्ता पक्षों की मांग पर कमेटी ने विचार किया इसके अलावा केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों को भी विचार में लिया गया।
कमेटी ने यह भी विचार किया कि 17 जुलाई तक की अवधि तक चार न्यायिक अधिकारी एवं जिला न्यायालयों के 18 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं तथा 99 न्यायिक अधिकारी एवं 695 कर्मचारियों को अभी तक कोरोना संक्रमण के संपर्क में आने से क्वारैंटाइन किया जा चुका है। समस्त तथ्यों पर समग्र रूप से विचार करते हुए तथा प्रदेश के जिलों में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के कारण कमेटी ने यह निर्णय लिया कि उच्च न्यायालय तथा अधीनस्थ न्यायालयों में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से ही सुनवाई 15 अगस्त तक जारी रखी जाए।
अदालतों में अब 15 अगस्त तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही होगी सुनवाई
Last Updated: August 6, 2020 " 04:29 am"
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