रविवार को डेढ़ लाख श्रद्धालु मां अन्नपूर्णा के दर्शन, पूजन और अन्नपूर्णा लोक की छटा निहारने पहुंचे।
इंदौर : नव श्रृंगारित ‘ अन्नपूर्णा लोक ’ में रविवार को भी दिनभर भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा। लगभग डेढ़ लाख भक्तों ने सुबह से देर रात तक मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं के साथ नूतन मंदिर के भी दर्शन किए। मंदिर परिसर में निर्मित यज्ञशाला में 111 विद्वान आचार्य गत 31 जनवरी से ही सहस्त्रचंडी महायज्ञ कर रहे हैं। अब तक इस महायज्ञ में एक लाख के लक्ष्य के मुकाबले 54 हजार आहुतियां संपन्न हो चुकी हैं। हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन यज्ञशाला की परिक्रमा भी करने पहुंच रहे हैं। रविवार रात पं. सुरेश शर्मा एवं उनके साथियों ने मनोहारी भजनों से हजारों भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सान्निध्य में न्यासी मंडल के विनोद अग्रवाल, गोपालदास मित्तल एवं श्याम सिंघल ने बताया कि मंदिर पर पिछले दो दिनों से भक्तों का सैलाब लगातार बना हुआ है। शनिवार को एक लाख भक्तों ने दर्शन किए तो रविवार को भक्तों की संख्या का यह आंकड़ा डेढ़ लाख तक पहुंच गया। बड़ी संख्या में दूर-दूर के श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। रात्रि में लगभग 2 हजार विद्युत प्रकाश पुंजों से सज्जित मंदिर की छटा निहारने के लिए अनेक श्रद्धालु परिवार सहित पहुंच रहे हैं।
रविवार को छुट्टी का दिन होने से भक्तों की कतार का जो सिलसिला सुबह 10 बजे से प्रारंभ हुआ वह रात 11 बजे तक निंरतर बना रहा। रात्रि में भजन गायक पं. सुरेश शर्मा और उनके साथियों ने मनोहारी भजन प्रस्तुत किए। भजन गायकों का स्वागत स्वामी जयेन्द्रानंद गिरि, किशोर गोयल, दिनेश मित्तल, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, सुरेश बंसल आदि ने किया।
यज्ञ में 54 हजार आहुतियां संपन्न।
आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में चल रहे सहस्त्रचंडी महायज्ञ में रविवार तक 54 हजार आहुतियां संपन्न हो चुकी हैं। रविवार को यज्ञशाला में यज्ञ के मुख्य यजमान सत्यनारायण शर्मा दूधवाले ने भी सपत्नीक दुर्गा सप्तशती नाम से यज्ञ कुंड में आहुतियां समर्पित की। यहां एक लाख आहुतियों का लक्ष्य है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यज्ञशाला की परिक्रमा भी करने पहुंच रहे हैं। इनमें अनेक दिव्यांग, मूक-बधिर और अन्य विशेष श्रेणी के श्रद्धालु भी शामिल हैं। बड़ी संख्या में यहां गोभक्त भी आ रहे हैं और गोशाला की गायों को सुबह एवं शाम हरा चारा खिला रहे हैं। सहस्त्र चंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति 7 फरवरी को होगी।