जनता का बजट जनता को समर्पित, युवा शक्ति के सपनों को मिलेंगे पंख, किसान होंगे खुशहाल, नया टैक्स नहीं।
कृषि को बढ़ावा देने, उन्नत करने व सिंचाई परियोजनाओं के लिए 11 हजार 49 करोड़ प्रस्तावित।
इंदौर : जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मध्यप्रदेश के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सही मायने में जनता का बजट है। यह अमृतकाल में विकास और समृद्धि की अमृत वर्षा करने वाला बजट है। बजट से युवाओं को उनके सपने पूरा करने के लिए उड़ान मिलेगी।
मंत्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा पेश बजट में सभी वर्ग का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि खास बात यह रही कि प्रदेश में पहली बार ई-बजट पेपरलेस पेश किया गया। इसके अलावा राज्य की जनता का ध्यान रखते हुए नया टैक्स नहीं लगाया है। मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण व संधारण के लिए बजट में 11 हजार 49 करोड़ प्रस्तावित हैं।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बजट में युवाओं के लिए बनाई गईं योजनाएं उनके लिए वरदान साबित होंगी। बालिका स्कूटी योजना छात्राओं को पढ़ाई के लिए प्रेरित करेंगी। इसके तहत 12वीं कक्षा में टॉपर छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी। एक लाख युवाओं को मुख्यमंत्री कौशल एप्रेन्टिसशिप योजना के तहत इंटर्नशिप दी जाएगी। जिससे युवाओं को रोज़गार मिल सके। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना महिलाओं के लिए मददगार साबित होगी। इसके तहत बहनों को हर माह एक हजार रुपये दिए जाएंगे।
मंत्री सिलावट ने बताया कि अब तक 45 लाख हेक्टेयर से अधिक का सिंचाई क्षेत्र निर्मित हो चुका है। 2025 तक इसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। सरकार लोन डिफाल्टर कृषकों का ब्याज भरेगी। कृषि को बढ़ावा देने के लिए 53 हजार 964 करोड़ का स्वीकृत किए गए हैं। मस्त्य विभाग के भी मंत्री सिलावट ने कहा कि मछली पालन में सर्वाधिक लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। प्रदेश में चार लाख 39 हजार हेक्टेयर जलक्षेत्र में से चार लाख 36 हजार हेक्टयेर जलक्षेत्र मछली पालन अंतर्गत लाया जा चुका है। मछली उत्पादन के बेहतर प्रबंधन और उत्पादन के लिए राज्य को उत्कृष्ट अवॉर्ड मिला है।
केन-बेतवा का जल्द शुभारंभ।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि जल्द ही केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का शुभारंभ किया जाएगा। 44 हजार 600 करोड़ से अधिक लागत की यह परियोजना बुंदेलखंड की जीवन रेखा सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इससे 10 जिले पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई तथा 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। वहीं 103 मेगावाट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सोलर पावर का उत्पादन होगा।