अमेरिका में इस्लामी चरमपंथियों की एंट्री पर ट्रंप का बैरिकेड, कड़े किए नियम

  
Last Updated:  January 28, 2017 " 11:59 am"

नई दिल्ली.अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसे शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जो शरणार्थियों के प्रवाह को सीमित करने के लिए और चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम तय करता है. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले पेंटागन दौरे में ट्रंप ने इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा कि मैं चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम स्थापित कर रहा हूं. हम उन्हें यहां देखना नहीं चाहते. ट्रंप ने कहा, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे. नए रक्षामंत्री जनरल (रिटायर्ड) जेम्स मैटिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ खड़े ट्रंप ने कहा कि हम 9/11 के सबक को और पेंटागन में शहीद हुए नायकों को कभी नहीं भूलेंगे. वो लोग हममें से सर्वश्रेष्ठ थे. हम उनका सम्मान सिर्फ अपने शब्दों से ही नहीं, बल्कि हमारे कार्यों से भी करेंगे, आज हम वही कर रहे हैं. ट्रंप में सत्ता में आने से पहले ही अपने चुनावी अभियान के दौरान अमेरिका की जनता से शरणार्थियों को रोकने और मैक्सिको की सीमा पर दीवार खड़ी को लेकर वादे किए थे. रक्षा क्षेत्र में होंगे बड़े बदलाव ट्रंप ने सेना के बड़े स्तर पर पुनर्निर्माण संबंधी आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं. जिसमें नए विमानों, नौसैन्य पोतों और सैन्य संसाधनों को विकसित करने का संकल्प पूरा करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे. ट्रंप ने अस मौके पर कहा कि यह करते हुए मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है. ट्रंप ने कहा कि हमारे बजट संबंधी अनुरोध को तैयार कर रहे हैं, ऐसे में मेरा मानना है कि कांग्रेस को यह देखकर बहुत खुशी होगी. कोई भी हमारी सेना की शक्ति पर या शांति के प्रति हमारे समर्पण पर सवाल खड़ा नहीं कर पाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम शांति चाहते हैं. ज्ञापन में रक्षा मंत्री की ओर से 30 दिन में सैन्य तैयारी समीक्षा का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि तत्परता का मौजूदा संकट वर्षों से हो रही बजट में कटौती और उपेक्षा का परिणाम है. कांग्रेस और प्रशासन को हालात बदलने के लिए यह समझते हुए तत्काल मिलकर काम करना चहिए कि कई वर्षों तक लगातार प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.

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