अमेरिका से आई बेटी ने दी दिवंगत पिता को मुखाग्नि

  
Last Updated:  July 11, 2025 " 12:45 am"

चित्तौड़ा महाजन वैश्य समाज के प्रबुद्धजनों ने की बेटी के फैसले की सराहना।

इंदौर : सात समंदर पार, अमेरिका के केलिफोर्निया में रहते हुए साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत इंदौर की बेटी ने बुधवार को पंचकुइया मोक्षधाम पर अपने दिवंगत पिताश्री को मुखाग्नि दी।

श्री नागर चित्तौड़ा महाजन वैश्य समाज के 66 वर्षीय समाजसेवी कमल डोंगरिया को मात्र डेढ़ माह पूर्व ही लीवर में कैंसर होने का पता चला था। डाक्टरों द्वारा समुचित उपचार के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनकी बीमारी का समाचार सुनकर कैलिफोर्निया में रहने वाले उनकी बेटी रिंकू एवं दामाद आदित्य गांधी तीन दिन पूर्व ही इंदौर पहुंचे और अंतिम क्षणों तक सेवा सुश्रूषा में लगे रहे। कमल डोंगरिया की दो बेटियां हैं, दूसरी बेटी उर्वशी का विवाह इंदौर में ही संगम नगर के पलाश गुप्ता के साथ हुआ है। उर्वशी चूंकि मां बनने वाली है, इसलिए उसे अंतिम संस्कार की रस्मों से दूर रखा गया।

मंगलवार शाम कमल डोंगरिया के निधन के बाद समाज बंधुओं और परिजनों ने तय किया कि मुखाग्नि समर्पित करने की रस्म कोई रक्त संबंधी रिश्तेदार करें, क्योंकि उनके कोई पुत्र नहीं है, लेकिन रिंकू गांधी ने दृढ़तापूर्वक अपने पिता का अंतिम संस्कार और मुखाग्नि की रस्म करने का संकल्प लिया। गुरुवार सुबह संगम नगर स्थित निवास से निकली अंतिम यात्रा के दौरान उन सारी रस्मों का निर्वाह बेटी रिंकू ने ही किया, जो आमतौर पर पुत्र करता है। पंचकुइया मोक्षधाम पर भी पिता की चिता में अग्नि देने से लेकर अन्य सभी रस्मों का निर्वाह रिंकू ने ही किया।

मोक्षधाम पर आयोजित शोकसभा में चित्तौड़ा समाज के पदाधिकारियों के अलावा कमल डोंगरिया के बाल सखा राजेश गर्ग, कमल सोमानी, शिव जिंदल एवं अन्य सभी स्नेहीजनों ने रिंकू के इस साहसिक निर्णय की खुले मन से सराहना की। उनका कहना था कि अब बेटी और बेटे में अंतर करने का समय नहीं है। अमेरिका जैसे देश में रहते हुए भी रिंकू और उनके पति आदित्य गांधी ने अपनी परंपरा का बखूबी निर्वाह किया। समाज में किसी दूसरे देश में रहते हुए अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए इंदौर आने और मुखाग्नि देने का यह पहला अवसर था । इंदौर अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष कमल गुप्ता, पत्रकार आशुतोष वाजपेयी, चंद्रप्रकाश गुप्ता, अग्रसेन सोशल ग्रुप के राजेश गर्ग, हेमंत हेतावल, प्रवीण कश्यप, हरीश गुप्ता एवं संगम नगर के रहवासियों ने श्रद्धांजलि सभा में बेटी के इस निर्णय का स्वागत किया। अंतिम यात्रा संगम नगर से इतवारिया बाजार स्थित पैतृक निवास होते हुए पंचकुइया मोक्ष धाम पहुंची थी।

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