अब तक 40 प्रवासी मेहमान पहुंच चुके हैं मेजबानों के घर।
लगातार जारी है मेहमानों का आगमन।
इंदौर : प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर आईडीए द्वारा की गई पहल ‘पधारो म्हारे घर’ को बेहतर प्रतिसाद मिला है। कुल 75 परिवारों को मेजबान के रूप में चिन्हित किया गया है। इनमें से करीब 40 मेजबानों के घर प्रवासी मेहमान पधार चुके हैं। खुद मेजबानों ने इन प्रवासी मेहमानों को एयरपोर्ट से रिसीव किया और पूरे आदरातिथ्य के साथ अपने घर ले गए। ऐसी मेहमान नवाजी और आत्मीयता केवल इंदौर में ही संभव है।
आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने शनिवार को एयरपोर्ट के समीप प्रवासी मेहमानों की सुविधा के लिए लगाए गए टेंट में पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी। सांसद शंकर लालवानी भी इस दौरान मौजूद रहे। आईडीए अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया ने इस मुहिम को आगे बढ़ाया और इसका प्रचार – प्रसार किया इसीलिए यह मुहिम परवान चढ़ पाई।
लोगों ने खुद आगे आकर मेजबानी की पहल की।
आईडीए अध्यक्ष चावड़ा ने कहा कि जब नवाचार के रूप में ये पहल की गई थी तो इसको सफलता मिलेगी या नहीं इसकी शंका थी, लेकिन विभिन्न समाजों, समाजसेवी संगठनों और प्रबुद्धजनों से चर्चा के पहले दौर से ही इस पहल को प्रतिसाद मिलने लगा। बाद में तो लोग खुद फोन करके बताने लगे की वे अपने यहां प्रवासी मेहमानों को ठहराना चाहते हैं। अन्य शहरों के लोग तो इस अनूठी पहल से ही चकित हैं। उनकी निगाह में ये संभव नहीं था पर इंदौर वासियों ने ये संभव कर दिखाया। आईडीए तो सिर्फ मेहमानों और मेजबानों के बीच सेतु का काम कर रहा है।
रिजर्व में हैं 25 मेजबान।
जयपाल सिंह चावड़ा ने कहा कि प्रवासी सम्मेलन के बाद भी कुछ प्रवासी मेहमान एक- दो दिन रुककर भ्रमण करना चाहते हैं। अगर जरूरी हुआ तो उन्हें अन्य मेजबान परिवारों के यहां शिफ्ट करने की तैयारी भी आईडीए ने कर रखी है। ऐसे करीब 25 मेजबान परिवारों को रिजर्व में रखा गया है।