💐कीर्ति सिंह गौड़💐
ले आओ तिल गुड़ मूँगफली
कि संक्रांति आई है।
सूरज मकर में आया है,
हवाओं ने अलग रुख़ अपनाया है।
बांधो पतंगों को माँझे से
कि आसमान ने पुकारा है,
कुछ पल गुज़ारो अपनों के साथ
दो अपने-पन का एहसास।
बहाने हैं ये अपनों से अपनापन निभाने के,
मौक़े हैं किस्से कहानी सुनाने के,
आओ मिलकर मनाते हैं इस बार
मकर संक्रांति का त्यौहार ।
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