दिव्य कला मेला, 2023 इंदौर के ग्रामीण हाट बाज़ार में प्रारंभ।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने किया मेले का शुभारंभ।
इंदौर : केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ.वीरेंद्र कुमार ने दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में दिव्यांगजनों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही पहली बार कुदरत की नाइंसाफी के शिकार लोगों को ‘दिव्यांग’ नाम देकर समाज का नज़रिया ही बदल दिया।
उद्घाटन समारोह में डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने विशेष रूप से दिव्यांगजनों के बीच उद्यमिता और शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग भाइयों और बहनों को प्रशिक्षण, कौशल और वित्त प्रदान करने के लिए इन योजनाओं को लागू किया जाता है। केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन की श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया है। इसी के साथ सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया गया है। सरकारी शिक्षण ससंथाओं में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3% से 5% कर दिया गया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार दिव्यांग लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कम ब्याज दर पर कई प्रकार की योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
सांसद शंकर लालवानी और विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भी इस मौके पर अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के चंबल निवासी नॉर्थ चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरा स्वीमर सतेंद्र सिंह लोहिया सहित कई दिव्यांगजन को सम्मानित किया गया।
दिव्य कला मेले में दृष्टि दिव्यांग बच्चों को कंप्यूटर, संगीत और कहानियों की ब्रेल लिपी की पुस्तकें उपलब्ध कराई गई। दिव्य कला मेले में दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ दिव्यांगजन को टोकन के रुप में सहायक उपकरण एवं ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किए गए।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्रारा दिव्यांग उद्यमियों/कारीगरों के उत्पादों और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने के लिए 17 से 23 जून 2023 तक ग्रामीण हाट बाजार, साउथ तुकोगंज, इंदौर इस ‘दिव्य कला मेला’ का आयोजन किया गया है। मेले में जम्मू- कश्मीर, उत्तर पूर्वी राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों से कला कौशल के धुरंधर अपने शानदार और आकर्षक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम और पैकेज्ड फूड आदि उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय कर रहे हैं।
दिव्य कला मेला में 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 100 दिव्यांग कारीगर/कलाकार और उद्यमी अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मेला ‘वोकल फॉर लोकल’ की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम साबित हो रहा है। दिव्यांग शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री को देशभर में उचित मंच उपलब्ध कराकर प्रोत्साहित किया जाता है।
इस सात दिवसीय दिव्य कला मेला का आनंद प्रातः 10.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक लिया जा सकता है। इसके अलावा देश के जाने-माने कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और देश के विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध फूड स्टॉल्स इस मेला का विशिष्ट आकर्षण होंगे।
डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही पहली बार इन लोगों को ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज का नज़रिया ही बदल दिया।