भारत की बैडमिंटन में नई सनसनी 20 वर्षीय लक्ष्य सेन के प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड चैंपियन बनने के सपने को डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन ने अपनी विक्टरी के साथ पूरा नहीं होने दिया, लक्ष्य यह खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय नहीं बन सके।
बर्मिघम में 16से 20 मार्च तक हुई 114वीं योनेक्स आल इंग्लैंड खुली सुपर -1,000 बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में विश्व नंबर एक डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन ने विश्व नंबर 11 लक्ष्य सेन को 21-10,21-15 से 53 मिनट में हराकर पिछले सप्ताह ही जर्मन खुली सुपर-300 स्पर्धा के सेमीफाइनल में हुई अपनी एक मात्र हार का बदला लिया। 28 वर्षीय विक्टर ने लगातार चौथे साल फाइनल खेलते हुए दूसरी बार पुरुष एकल खिताब हासिल किया। जापान की अकाने यामागुची पहली बार महिला एकल विजेता बनी। पांच में से तीन खिताब जापान के नाम रहे।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन आल इंग्लैंड स्पर्धा का फाइनल खेलने वाले पांचवें भारतीय हैं,सात साल बाद कोई भारतीय और 21साल बाद कोई पुरुष भारतीय इस स्पर्धा का फाइनल खेलने का श्रेय हासिल कर सका। 2015 में साइना नेहवाल महिला एकल का फाइनल खेली थी। सबसे युवा लक्ष्य सेन (2022) से पहले प्रकाश नाथ(1947), प्रकाश पादुकोण (1980 व 1981)और पुलैला गोपीचंद (2001)ही फाइनल खेलने वाले भारतीय खिलाडी रहे हैं।
लक्ष्य सेन की विक्टर एक्सेलसेन से छठवें मुकाबले में पांचवीं हार हैं, विक्टर ने जीत की खुशी का इजहार लक्ष्य से अपनी टी शर्ट की अदला बदली कर एवं अपने दो रैकेट अपने प्रशंसकों -दर्शकों में फेंक कर किया, दो साल से यह स्पर्धा कोरोना महामारी की वजह से दर्शकों के बिना हो रही थी, इस बार एरिना स्टेडियम दर्शकों से पूरा भरा हुआ था।
लक्ष्य सेन ने स्मैश से कहा-”मैं आल इंग्लैंड विजेता होता तो बहुत खुशी होती, मैंने कौशिश भी की, दूसरे गेम में संघर्ष भी किया, मुझे फिर मौका मिलेगा तो, मैं फिर उन्हें (विक्टर को)हरा सकता हूं,यह तो महसूस करता हूं”
स्विस खुली स्पर्धा में नही खेलेगे लक्ष्य
लक्ष्य कहते हैं कि “मैंने लगातार दो सप्ताह में 10 मैच खेले हैं,टाप-10 के चार खिलाड़ियों को हराया भी है। अब स्विस खुली सुपर-300 स्पर्धा में खेलने के बजाय वापस भारत लौटना चाहूंगा और तैयारी कर कोरिया खुली सुपर-500 में खेलूंगा “
स्विस खुली स्पर्धा में लक्ष्य को आठवां क्रम मिला हैं, जो 22 मार्च से बासेल (स्विट्जरलैंड) में हैं, पहले दौर में विश्व नंबर 26 भारत के समीर वर्मा से ही पहली बार खेलना है। आल इंग्लैंड में समीर के बड़े भाई सौरभ वर्मा से पहले दौर में खेले और जीते थे,कोरिया खुली सुपर-500 स्पर्धा 5 अप्रैल से है, लक्ष्य के पिताजी प्रशिक्षक डी के सेन कहते हैं”लक्ष्य को आल इंग्लैंड में मिली सफलता की खुशी को अपनों के बीच बांटना एवं और अच्छी तैयारी के साथ अगली स्पर्धाओं में खेलना चाहेंगे”
लक्ष्य सेन प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन एकेडमी, बैंगलुरु के हैं।, पादुकोण एकेडमी के मुख्य प्रशिक्षक विमलकुमार ने कहा-“विक्टर,लक्ष्य के लिए मजबूत प्रतिद्वंद्वी थे, विक्टर एक्सेलसेन ने लक्ष्य को कोर्ट के बेक लाबी में उलझाया, लक्ष्य पीछे सही नहीं खेल सके, दूसरे गेम में संघर्ष किया लेकिन विक्टर की बढ़त हो चुकी थी, निश्चित ही इस समय विक्टर एक्सेलसेन दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ी हैं, उनके खेल में समझदारी और विविधता भी है”
भारतीय टीम प्रबंधक सुकान्त दास ने कहा -“लक्ष्य सेन बहुत ही शानदार खेले हैं। जर्मनी खुली और प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड में क्षमता से बेहतर खेल दिखाया हैं,उनकी इस उपलब्धि पर लक्ष्य को मेरी बधाई “
यामागुची ने जीता महिला एकल फाइनल।
विश्व विजेता, दूसरे क्रम की जापान की अकाने यामागुची ने महिला एकल फाइनल में विश्व नंबर 4 दक्षिण कोरिया की एन से युंग को 21-15,21-15 से 44मिनट में हराया। विश्व नंबर दो अकाने की यह एन पर 11वें मुकाबले में सातवीं और लगातार तीसरी जीत हैं, दिसम्बर में विश्व स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में अकाने ने 20 वर्षीय एन को तीन गेमों में हराया था, 24 वर्षीय अकाने यामागुची ने कहा ‘अनेक स्पर्धाओं को जीता चुकी हूं, लेकिन आल इंग्लैंड का विशेष महत्व है। मैं लंबे मैच के लिए भी तैयार थी,मुझे खुशी है कि यह जीतने का मेरा सपना सच हुआ’
एन से युंग ने कहा ‘मुझे फाइनल की हार से धक्का लगा है, मैं जीतने के लिए वापस आऊंगी।
जापान को तीन खिताब
जापान को दूसरा खिताब नामि मत्सुयामा और चिहारु शिदा ने महिला युगल का दिलाया, विश्व नंबर 7 जापानी जोड़ी ने फाइनल में चीन की झांग शु झिआन और झेंग यु को 21-13,21-9 से 41मिनट में हराया ,नामि और चिहारु का यह पिछली छह स्पर्धाओं में चौथा फाइनल हैं, उन्होंने दूसरा सुपर-1,000 खिताब जीता है।
चौथे क्रम के जापान के युता वातनाबे और एरिसा हिगाशिनो ने मिश्रित युगल फाइनल में चीन के वांग यि लियु और हुआंग डोंग पिंग को 21-19,21-19 से 58 मिनट के कड़े संघर्ष में हराया। दोनों गेमों में जापानी ओलंपिक विजेता तीसरे क्रम की चीनी जोड़ी से पीछे रहकर जीते हैं। पहले गेम में 9-11और 16-18से एवं दूसरे गेम में 2-5,3-7,8-11,11-14,14-16,
16-17 और 17-18 से पीछे रहे,युता वातनाबे का यह पांचवां और एरिसा हिगाशिनो का तीसरा खिताब है।
इंडोनेशियाई जोड़ी के बीच हुए पुरुष युगल फाइनल में विश्व नंबर 28 मुहम्मद शोहिबुल फ़िक्री और बागास मेयुलना ने स्पर्धा में लगातार तीसरा उलटफेर कर खिताब हासिल किया। इसने फाइनल में विश्व नंबर दो,पूर्व विश्व और आल इंग्लैंड विजेता अनुभवी मोहम्मद एहसान और हेंड्रा सेतियवान को 21-19,21-13से ,37 मिनट में हराया, सेमीफाइनल में शोहिबुल फ़िक्री और बागास ने विश्व नंबर एक हमवतन मार्कुस फरनाल्डी जेदेअन और केविन संजया सुकमुल्यो को शिकस्त दी थी।
इस बार भारत के लिए आल इंग्लैंड उपलब्धि भरा रहा है,लक्ष्य सेन के साथ ही नई जोड़ी ट्रेसा जोली और गायत्री गोपीचंद महिला युगल में सेमीफाइनल खेली।
*** धर्मेश यशलहा
सरताज अकादमी
” स्मैश “