आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया प्रभु वैंकटेश का जयंती महोत्सव

  
Last Updated:  October 6, 2022 " 01:22 pm"

इंदौर : दूध,दही,शहद की सहस्त्रधारा के साथ विद्यार्थियों द्वारा स्तोत्र पाठ का मधुर वाचन, भक्तों द्वारा गोविंदा गोविंदा के जयघोष के साथ श्री वैंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में प्रभु श्री वेंकटेश का जयंती महोत्सव के मनाया गया।

प्रभु श्री वैंकटेश का किया महाअभिषेक।

प्रातः 8 बजे भक्तों द्वारा श्री वेंकटरमना गोविंदा श्री निवासा गोविंदा नाम जप परिक्रमा देवस्थान में निकाली। बाद में रजत कलशों में दूध, दही, घी, शकर, शहद, इत्र, सभी सुगन्धित द्रव्य पदार्थों, फलों के रस की सहस्त्रधारा, नदियों का जल व समुद्र जल समाश्रित कर मंदिर के पुजारी मुकुंदरामानुज दास, जय दुबे, सत्तू काका व गोपाल जी द्वारा प्रभु वैंकटेश का महाभिषेक किया गया।
अभिषेक के पूर्व यजमान सुनील लालावत परिवार द्वारा कलशों का पूजन किया गया।
अभिषेक के बाद प्रभु को हल्दी का लेप लगाया गया और दिव्य श्रृंगार कर महा आरती की गयी। साथ ही 1008 नामों से स्वर्ण पुष्पों से अर्चना की गयी। विद्यार्थियो द्वारा स्तोत्र पाठ किया गया। बाद में गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।

रजत रथ पर सवार होकर देवस्थान की परिक्रमा पर निकले प्रभु वैंकटेश।

रात्रि में 8.30 बजे प्रभु वेंकटेश सजधज कर भक्तों के बीच रजत रथ पर आरूढ़ हो देवस्थान में परिक्रमा पर निकले। भक्तों का अपने प्रभु के दर्शन के लिए उत्साह देखते ही बनता था। वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थियो द्वारा इस दौरान वेंकटेश स्तोत्र, अल्वन्दर स्तोत्र, श्री सूक्त पुरुष सूक्त व सभी स्तोत्र पाठ का वाचन किया जा रहा था। पुजारियों द्वारा प्रभु की बारम्बार आरती की जा रही थी। भक्त श्री मन्नारायन भव तरायन,आज वेंकटेश जयंती हे,मेरा श्री वैष्णव परिवार हरी आ जाओ एक बार, जैसे भजनों की सुमधुर प्रस्तुति पर भाव विभोर होकर झूम रहे थे। प्रभु वेंकटेश की तीन परिक्रमा पश्चात नजर उतार कर आरती की गयी।

गोष्ठी प्रसाद वितरण के साथ महोत्सव का समापन हुआ।
इस अवसर पर पंकज तोतला, रमेशचंद्र चितलांग्या, केलाश मुंगड, ऋषि शर्मा, अनिल लालावत, केलाश साबू, राजेश लालावत, कृष्णा शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।

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