इंदौर के सर्वांगीण विकास के लिए आधुनिक तकनीक के साथ कदमताल जरूरी

  
Last Updated:  August 12, 2024 " 12:27 am"

ग्रीन एनर्जी वर्तमान समय की आवश्यकता है – दीपक सिंह

इंदौर । इंदौर संभाग के संभाग आयुक्त दीपक सिंह का कहना है कि इंदौर के विकास के लिए आधुनिक तकनीक के साथ कदमताल करना जरूरी है । ग्रीन एनर्जी वर्तमान समय की आवश्यकता है । इस क्षेत्र में हमें और ज्यादा काम करने की जरूरत है।

संभागायुक्त सिंह शनिवार शाम अभ्यास मंडल द्वारा शहर के विकास में नागरिकों की भूमिका विषय पर आयोजित मासिक व्याख्यान में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे । इस व्याख्यान का आयोजन मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में किया गया । अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि पहली सांस लेने के साथ हमारा जीवन शुरू होता है और अंतिम सांस लेने के साथ समाप्त होता है । इस तरह से दो सांस के बीच में हमारा जीवन चलता है । इस जीवन काल में हम जिस माटी में रहते हैं उसके स्वभाव के अनुसार हमारा कार्य और व्यवहार बनता है । इंदौर और उसके आसपास के क्षेत्र को मालव अंचल के रूप में पहचाना जाता है । इसे लेकर यह कहावत प्रसिद्ध है कि डग – डग रोटी – पग पग नीर । अब भू जल का स्तर इतना ज्यादा नीचे जा चुका है कि इंदौर संभाग का क्षेत्र ड्राई एरिया के रूप में परिवर्तित हो गया है ।

उन्होंने कहा कि नागरिकों के द्वारा अपने घर, मोहल्ला और समाज में काम करने का क्या प्रभाव हो सकता है इसका ज्वलंत उदाहरण इंदौर की स्वच्छता है । हर नागरिक ने यह तय किया कि मैं अपना कचरा बाहर नहीं फेंकूंगा । बाहर के शहर से जो नागरिक आए उन्हें जागृत करने का भी काम किया गया । ऐसे कई उदाहरण है जो की इंदौर में नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका से स्थिति में आए बदलाव को स्पष्ट करते हैं । केरल, बेंगलुरु, पुणे और जापान के टोक्यो की तर्ज पर इंदौर के नागरिकों ने जो काम किया वह आज इस शहर की पहचान बन गया है ।

इंदौर में पुराने वक्त में किए गए काम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक समय इंदौर के एम वाय अस्पताल की हालत बहुत ज्यादा खराब थी । इस पर जनभागीदारी से रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया । इस समिति के माध्यम से एम वाय अस्पताल की स्थिति में तो सुधार आया ही, पूरे प्रदेश ने विकास के इस मॉडल को अपनाया । हमें यह याद रखना चाहिए कि इंदौर की ताकत औद्योगिक और व्यापारिक क्षेत्र है । हमारे शहर में सड़क चाहे कितनी भी चौड़ी बन जाए लेकिन यातायात का बढ़ना, कार्बन ज्यादा होना और एयर क्वालिटी कमजोर होना एक चुनौती बना हुआ है । एक व्यक्ति को सांस लेने के लिए 6 पेड़ की ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है । ऐसी स्थिति में इंदौर में नागरिकों और पेड़ की आबादी में संतुलन बनाना होगा । हाल ही में एक दिन में इंदौर में नागरिकों के द्वारा 12 लाख पौधे लगाकर विश्व कीर्तिमान बनाया गया है । अन्य शहरों की तुलना में जन भागीदारी की दिशा में इंदौर बहुत आगे है । यहां पर और अधिक बेहतर कार्य के लिए माहौल बनाने की आवश्यकता है । इंदौर में अपनेपन की भूमिका रही है ।

उन्होंने कहा कि सिस्टम परिवर्तनशील है । विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में परिवर्तन के हिसाब से इंदौर में यदि हमने स्वयं को नहीं बदला तो विकास की दौड़ में पिछड जाएंगे । एक समय था जब पोस्टकार्ड लिखे जाते थे, लिफाफे में राखी भेजी जाती थी और किताब खरीद कर पढ़ी जाती थी । अब मॉडर्न जमाना हो गया है । व्हाट्सएप से संदेश आ जाते हैं और ऑनलाइन किताब पढ़ ली जाती है । ऐसे में मॉडर्न तकनीक के साथ कदमताल करना जरूरी है । हमें यह मालूम होना चाहिए कि दुनिया में क्या हो रहा है ?

उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी वर्तमान समय की आवश्यकता है । इस क्षेत्र में इंदौर और मध्य प्रदेश में काफी काम हुआ है लेकिन अभी और काम किए जाने की आवश्यकता है ।

प्रारंभ में वक्ता का स्वागत बसंत सोनी, कुणाल भंवर ने किया। कार्यक्रम में रामेश्वर गुप्ता, गौतम कोठारी, दिलिप वाघेला ,शंकर गर्ग, सुनिल मेहता,सुरेश उपाध्याय सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया । अतिथि को स्मृति चिन्ह सेवानिवृत पुलिस अधिकारी धर्मेंद्र चौधरी ने भेंट किया । अंत में आभार प्रदर्शन अशोक कोठारी ने किया।

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