मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 350 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे एलिवेटेड कॉरिडोर का किया शिलान्यास।
इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को राजवाड़ा चौक में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एलआईजी चौराहे से नवलखा चौराहे तक बनाए जा रहे एलिवेटेड कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट,लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह,सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव,विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, उषा ठाकुर, महेन्द्र हार्डिया, गोलू शुक्ला, मधु वर्मा और मनोज पटेल, आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, अनुसूचित जाति वित विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, गौरव रणदिवे, निशांत खरे, संभागायुक्त मालसिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग शालिग्राम बघेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
इंदौर को यातायात में नंबर वन बनाएगा यह कॉरिडोर।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ये एलिवेटेड कॉरिडोर सुगम यातायात की दिशा में इंदौर को अव्वल बनाएगा। वैसे भी इंदौर सात वर्षों से स्वच्छता के मामले में अपना परचम फहरा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाई हासिल कर रहा है। विकास कार्यों में धन की कमी कभी आड़े नहीं आएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आह्वान किया कि पाँच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा होकर प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी की इस शुभ घड़ी में दिवाली मनाते हुए दीप प्रज्वलन कर श्रीराम का अभिनंदन करें। यह सभी के लिये हर्षोल्लास का विषय है।
मुगल काल में भी धर्म का संरक्षण और सम्मान बनाए रखा मां देवी अहिल्याबाई ने।
माता अहिल्या का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुगल काल में भी धर्म का संरक्षण और सम्मान देवी अहिल्याबाई ने बनाए रखा। महेश्वर, अयोध्या के घाट हों या काशी विश्वनाथ या महाकाल का मंदिर निर्माण, ये पुण्य कार्य माता अहिल्या का विस्मरण नहीं होने देते। यही कारण है कि मेरे उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए माता अहिल्या की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि इंदौर की अधोसंरचना में नवीन तकनीक के साथ विकास की नई इबारत लिखेगा ये एलिवेटेड कॉरिडोर। इसे समय सीमा में पूरा कर दिया जाएगा।
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का इंदौर में स्वागत है। इंदौर स्वच्छता, कला,शिक्षा, खेल के साथ ही स्वाद की नगरी है। एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण के बाद अब ये सुगम यातायात के लिए भी जानी जाएगी।
इंदौर में मेडिकल टूरिज्म की दिशा में काम करने की जरूरत।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह से आग्रह किया कि इस एलिवेटेड कॉरिडोर को 15 माह की समयावधि में पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दें। स्वच्छता के साथ इंदौर को शिक्षा के क्षेत्र में भी नंबर वन बनाना है ताकि दूसरे प्रदेश के स्टूडेंट यहाँ शिक्षा ग्रहण करने आएँ। उन्होंने इंदौर में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं का ज़िक्र कर मेडिकल टूरिज्म की दिशा में भी कार्य करने की ज़रूरत बताई।
6.70 किमी होगी एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई।
बता दें कि इंदौर जिले में केंद्रीय सड़क निधि योजना अंतर्गत स्वीकृत इंदौर शहर के पुराने आगरा- मुंबई मार्ग पर एलआईजी चौराहे से नवलखा चौराहे तक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इस एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई 6.70 किलोमीटर, चौड़ाई 15.50 मीटर एवं भू-तल से पुल की ऊंचाई 10 मीटर प्रस्तावित है। इसकी कुल लागत 350 करोड रुपए है। इस एलिवेटेड कॉरिडोर की एक भुजा गिटार चौराहे पर, एक भुजा गीता भवन चौराहे से मधुमिलन चौराहे की तरफ होगी। इसी प्रकार एक भुजा शिवाजी वाटिका चौराहे पर पीपल्याहाना की ओर प्रस्तावित है। पुल निर्माण कार्य हेतु 24 माह का समय निर्धारित किया गया है।